स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता ठीक बनने के लिए एक स्वतंत्र इकाई का गठन

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता, मानक एवं मूल्यांकन प्रणाली को ठीक बनाने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र इकाई का गठन किया है। इस प्रस्तावित एजेंसी को ‘परख’ नाम दिया गया है। एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अधिकारी ने बताया कि इस निकाय के गठन के लिए परिषद ने अंतरराष्ट्रीय परामर्श एजेंसियों से 2 सितंबर 2022 तक रुचि पत्र आमंत्रित किया है।
योजना के मसौदे के अनुसार, राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र के रूप में समग्र विकास के लिए ज्ञान प्रदर्शन, मूल्यांकन, समीक्षा, आकलन (परख) की स्थापना शिक्षा मंत्रालय के तहत एक मानक निर्धारण निकाय के रूप में की जाएगी।
इसका दायित्व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत निर्धारित कार्यो के साथ छात्रों के मूल्यांकन को लेकर नियम, मानक, दिशा निर्देश एवं अनुपालन से जुड़ी गतिविधियां तय करना होगा। इसमें कहा गया है कि, ‘‘ परख को राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के एक स्वायत्त घटक के रूप में किया जाना प्रस्तावित है।’’
‘परख के दायित्वों में सीखने के मूल्यांकन के लिये तकनीकी सहयोग देना, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण को मजबूत बनाना, मूल्यांकन के लिए क्षमता निर्माण को सुदृढ़ बनाना, देश में छात्रों में सीखने के परिणामों की निगरानी एवं सूचना प्रदान करना, परीक्षा बोर्ड का मार्गदर्शन करना, गठजोड़ स्थापित करना आदि शामिल होगा।
‘परख’ की टीम में, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा व्यवस्था की गहरी समझ रखने वाले, मूल्यांकन से जुड़े शीर्ष विशेषज्ञ शामिल होने वाले हैं।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।