अब थाली में गिरेगा आंसू: आटे की कीमतों में हो सकती बढ़ोत्तरी

sadbhawnapaati
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सरकार के गोदामों में गेहूं का स्टॉक कम,  6 साल के निचले स्तर पर
 
एजेंसी.
नई दिल्ली। देश में गेहूं का सरकारी स्टॉक लगातार कम होने से आपकी थाली और महंगी हो सकती है।  दरअसल सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक अब 6 साल के निचले स्तर तक पहुंच गया है। वहीं भारी डिमांड के चलते गेहूं की कीमतों में भी उछाल आया है।
इस कारण बाजार में गेंहू के आटे की कीमत भी बढ़ी है। इसका असर महंगाई की मार झेल रहे देश के करोड़ों लोगों पर पड़ेगा। सरकार साल 2022-23 में 20-30 लाख टन गेहूं की बिक्री कर सकती है।
दरअसल सूत्रों का कहना है कि गेहूं की बिक्री पर सरकार जनवरी में फैसला ले सकती है। बता दें कि केंद्र ने 2020-21 में 25 लाख टन गेहूं और 2021-22 में 70 लाख टन गेहूं की बिक्री की थी।
बता दें कि गेहूं का सरकारी स्टॉक अब 1.9 करोड़ टन बचा है जो दिसंबर 2016 के बाद सबसे कम है। 2014 और 2015 में सूखे के कारण गेहूं का स्टॉक घटकर कम हो गया था। इसके बाद दिसंबर 2016 में गेहूं का स्टॉक 1.65 करोड़ टन रह गया था।
वहीं पिछले साल 1 दिसंबर 2021 को गेहूं का स्टॉक 3.785 करोड़ टन था। हाल में गेहूं की बाजारी कीमत 25 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ी है इससे आटे की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक सरकार के पास 1 अक्टूबर 2022 को 2.27 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक था। जबकि बफर नियम के अनुसार इस समय गेहूं का सरकारी स्टॉक 2.05 करोड़ टन होना चाहिए था। 2016 में भी गेहूं का स्टॉक कम होने की वजह से इसकी कीमतें बढ़ी थी।

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