मध्यप्रदेश में 29 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है, प्रत्याशियों के चयन के मामले में कांग्रेस भाजपा से आगे हो चुकी है। अब तक भाजपा अधिकारिक तौर पर अपने एक भी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं कर सकी है। जबकि कांग्रेस 15 नाम तय करने के बाद अब 12 और प्रत्याशियों के नाम तीन-चार दिन में जारी कर सकती है। पार्टी सूत्रों की मानें तो रविवार को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ दिल्ली जाकर राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में 22 सितंबर तक 12 नामों की घोषणा किए जाने की संभावना है। इधर, मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि नाम तय हो चुके हैं। जल्द ही पार्टी उनकी घोषणा कर देगी। इसके साथ ही पूरी कार्यकारिणी का भी ऐलान किया जाएगा। हालांकि यह बात और है कि अभी तक नामों की घोषणा किए बिना ही उम्मीदवारों के लिए प्रचार शुरू कर दिया गया है।
कांग्रेस 15 उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर चुकी कांग्रेस ने पहली सूची में 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। शेष 13 सीटों में से ब्यावरा को छोड़कर सभी 12 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं। रविवार को दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और पार्टी के प्रमुख नेता, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को यह सूची देंगे। उसके बाद पहले की तरह ही दिल्ली से ही एक-दो दिन में सूची जारी की जा सकती है। दूसरी पार्टी से आए नेताओं पर भरोसा भाजपा से कांग्रेस में आई पारुल को सुरखी से टिकट मिलने की संभावना बढ़ गई है। क्योंकि वे पहले एक बार कांग्रेस से भाजपा में गए गोविंद सिंह राजपूत को मामूली अंतर से हरा चुकी हैं। इसी तरह ग्वालियर पूर्व समेत कुछ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और बसपा से आए पार्टी नेताओं को कांग्रेस अपना प्रत्याशी बना सकती है। नामों की घोषणा हुए बिना ही प्रचार शुरू किया प्रदेश में अब राजगढ़ जिले के ब्यावरा को मिलाकर 28 विधानसभा सीटों में उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस विधायक के निधन के बाद ब्यावरा सीट खाली हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग बिहार के विधानसभा चुनाव के साथ मध्य प्रदेश के सभी सीटों में उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। भाजपा में सीटों के लिए नाम तय हो चुके हैं, लेकिन वह घोषणा करने से बच रही है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए सभी पूर्व विधायकों को टिकट मिलना तय है। सभी इसी उम्मीद में अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में मंत्री पद की शपथ लेने और भाजपा में शामिल होने के बाद से ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं। कुछ और पूर्व विधायकों को टिकट देने पर विचार पार्टी के सामने नामों की घोषणा नहीं करने की सबसे बड़ी समस्या पूर्व विधायकों का विरोध है। जौरा, आगर और ब्यावरा समेत कुछ सीट के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर मेहनत करनी पड़ रही है। यह बात और है कि भाजपा ने अब तक आधिकारिक तौर पर किसी के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन मुख्यमंत्री तक इन उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं।
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