BSC Nursing Result 2020: 8 महीने बाद BSC Nursing का रिजल्ट घोषित, 50 फीसद विद्यार्थी फेल

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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बीएससी नर्सिंग थर्ड ईयर का रिजल्ट देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने आठ महीने बाद घोषित कर दिया है। लगभग 50 फीसद छात्र-छात्राएं फेल हो गए है। खराब रिजल्ट को लेकर विद्यार्थियों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय में जमकर हंगामा किया। छात्रनेताओं ने सैम्पलिंग की मांग रखी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने माना कर दिया। गुस्साएं विद्यार्थियों की समस्या को सुनते हुए कुलपति ने रिटोटलिंग करवाने का आश्वासन दिया। बीएससी नर्सिंग थर्ड ईयर की परीक्षा जबलपुर आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने जनवरी में करवाई। कॉपियां जांचने में छह महीने लगे। यहां तक विद्यार्थियों के नंबर डीएवीवी को भेजने में दो महीने लगे। विश्वविद्यालय ने मंगलवार सुबह रिजल्ट घोषित किया। थर्ड ईयर में 750 विद्यार्थी है, जिसमें से 50 फीसद यानी 350 विद्यार्थियों को एटीकेटी और फेल हुए है।

दोपहर 2 बजे एबीवीपी के छात्रनेता ने खराब रिजल्ट को लेकर नालंदा परिसर में जमकर हंगामा किया। छात्रनेता लक्की आदिवाल का कहना है कि पिछले साल भी विश्वविद्यालय ने सेकंड ईयर का रिजल्ट घोषित करने में सात महीने लगाए थे। इस बार भी इतना ही समय रिजल्ट जारी करने में लगाया है। कुलपति डॉ. रेणु जैन और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी के सामने मुद्दा रखा। विद्यार्थियों ने सैम्पलिंग की मांग रखी। जवाब में परीक्षा नियंत्रक डॉ. तिवारी ने कहा कि कॉपियां जबलपुर विश्वविद्यालय ने जांची है। डीएवीवी के पास नंबर स्कैन कर भेजे है। इसलिए रिव्यू या सैम्पलिंग नहीं करवाई जा सकती है। सिर्फ रिटोटलिंग की सुविधा है। इसके लिए लिंक खोल दी है। रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर दीक्षित अब इंदौर मेडिकल कॉलेज के होंगे प्रभारी डीन इंदौर। महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज इंदौर में डॉ. संजय दीक्षित को प्रभारी डीन बनाया गया है। मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को यह आदेश जारी किया गया।डॉ. दीक्षित रतलाम मेडिकल कॉलेज के डीन के पद पर नियुक्त थे। इंदौर मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल के रिटायर होने के बाद डॉ. अनीता मुथा को प्रभारी बनाया गया था

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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