सर्द हुए दिन रात: शीतलहर की गिरफ्त में प्रदेश, यातायात स्कूल समेत जनजीवन प्रभावित   

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sadbhawnapaati
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इंदौर में 9 से पहले नहीं खुलेंगे स्कूल, ऑरेंज अलर्ट जारी
भोपाल। मध्य प्रदेश में शीतलहर के बीच सर्दी का सितम जारी है। कोहरे के कहर के बीच हाड़ कंपा देने वाली ठंड में ठिठुरन है। ठंडा-ठंडा कूल-कूल एमपी हो गया है। प्रदेश के अधिकतर जिलों का तापमान 8 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। लोग ठंड से बचे अलाव का सहारा ले रहे हैं। स्कूली छात्रों के परिजन ठंड और बढऩे पर स्कूलों की छुट्टी करने की गुहार लगा रहे हैं। क्योंकि ठंड में बच्चों को उठाने और स्कूल लाने में काफी दिक्कत हो रही है। हालांकि कई जिलों में स्कूल समय में बादलाव और छुट्टी घोषित कर दी गई है।
लगातार बढ़ रही सर्दी के कारण इंदौर कलेक्टर ने स्कूलों के समय में बदलाव कर दिया है। इंदौर में स्कूलों का बदला हुआ समय तत्काल प्रभाव से लागू रहेगा। कलेक्टर इलैया राजा टी ने जारी आदेश में बताया कि नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल 9 बजे के पहले नहीं लगेंगे। कलेक्टर ने कहा कि जो स्कूल दो पाली में लगते हैं वे सुबह 9 बजे और जो स्कूल एक ही पाली में लगते हैं वे सुबह 9.30 बजे से पहले स्कूल नहीं लगाएंगे।
हालांकि सभी परीक्षाएं और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अपने समय पर ही संचालित होंगे।
मौसम विभाग ने प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रीवा सागर भोपाल नीमच मंदसौर नर्मदापुरम समेत ग्वालियर-चंबल संभाग जिलों में घने कोहरे की चेतावनी है। गुना दतिया जबलपुर दमोह रायसेन में कोल्ड डे अलर्ट है। जबकि भोपाल छतरपुर और सतना में भी कोल्ड डे जैसे हालात हैं। घने कोहरे के कारण यातायात भी प्रभावित हुआ है। भोपाल समेत कई जिलों में विजिबिलिटी काफी कम हो गई है।
8 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान
मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों का तापमान 8 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। प्रदेश में सबसे कम नौगांव में तापमान 6.2 है। भोपाल में 7 डिग्री तक तापमान पहुंचा है। प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। एमपी के अधिकतर जिलों में ठंड के कारण स्कूल के समय में बदलाव भी हुआ है।
सरकार और प्रशासन से अभिभावकों की गुहार
सरकार और प्रशासन से अभिभावकों ने स्कूल के समय में और बदलाव किया जाने की गुहार लगाई है। अभिभावक का कहना है कि ठंड और बढऩे पर स्कूलों की छुट्टी कोशिश की जाए। समय में बदलाव से अभिभावक और बच्चे खुश है। लेकिन ठंड में बच्चों को उठाने और स्कूल लाने में काफी दिक्कत हो रही है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।