देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं यही स्थिति मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की है, जो कि अब मध्य प्रदेश की कोरोना कैपिटल बन रही है । इंदौर में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीजों की संख्या जहां प्रशासन के लिए चिंता का विषय है वही जनता में भी इसका खोफ़ साफ़ नजर आ रहा है । आसपास के अन्य जिलों की तुलना में इंदौर में विशेषज्ञ डॉक्टरों और मेडिकल सुविधा अच्छी के होने से मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, जिसके कारण शहर के अस्पतालों में बिस्तरों की कमी देखी जा रही है इंदौर प्रशासन पर जहां एक और पूरे बाजार को अनलॉक करने का दबाव है वहीं दूसरी ओर कोरोना से लड़ने का प्रेशर बहुत अधिक है । अस्पतालों में हो रही मरीजों की वृद्धि को देखते हुए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी देखी जा रही है|
इसी कमी को पूरा करने के लिए प्रशासन अपने स्तर पर अनेक कदम उठा रहा है बुधवार शाम 7:00 बजे शहर के नर्सिंग कॉलेज संचालकों को कलेक्टर मनीष सिंह ने मीटिंग के लिए बुलाया और सभी को निर्देश दिया की पास आउट विद्यार्थियों से संपर्क करें उन्हें जॉब के लिए मोटिवेट करें हम उनकी नोकरी प्राइवेट हॉस्पिटल में लगवाएंगे | दरअसल प्रशासन द्वारा जहां पहले कुछ अस्पतालों को कोविड-19 के लिए चिन्हित किया गया था अब उनकी संख्या बढ़ाई जा रही है और पूर्व के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी बढाई जा रही है | जिस कारण अस्पताल संचालकों ने पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ ना होने की शिकायत कलेक्टर से की थी और कहा था कि आप स्टाफ की व्यवस्था करा दें हम सैलरी देंगे, इसी तारतम्य में कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा नर्सिंग कॉलेज संचालकों से स्टाफ की मांग की गई है | ज्ञात हो इंदौर में तकरीबन 40 नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं जिनमें से मीटिंग में सिर्फ 15 -17 नर्सिंग कॉलेज ही उपस्थित हुए कम उपस्थिति को देखकर कलेक्टर भड़क गए और धमकी दे डाली कि कोरोना के युद्ध में नर्सिंग कॉलेज संचालक साथ आए या फिर प्रशासन स्तर पर जांच के लिए तैयार हो जाएं । हालांकि नर्सिंग एसोसिएशन के अवधेश दवे, रवि भदोरिया, सुनील पंड्या, ओम गोस्वामी इत्यादि ने कलेक्टर को आश्वस्त किया की कोरोना युद्ध में नर्सिंग एसोसिएशन प्रशासन के साथ है और प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा । ज्ञात हो कोरोना लॉकडाउन के समय जब लाखों मजदूरों का पलायन महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश और बिहार की तरफ हो रहा था तब नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने अपनी बसें उनके परिवहन के लिए लगाई थी और पंडाल लगाकर भोजन व्यवस्था भी कराई थी एक्सपर्ट व्यूज :- प्रशासन मध्य प्रदेश नर्सेज काउंसिल से पास आउट विद्यार्थियों की लिस्ट निकलवा कर उन्हें कॉल करवा सकता है । जहां रोजगार की तलाश में बैठे हैं हजारों विद्यार्थियों को रोजगार भी उपलब्ध हो जाएगा और प्रशासन को स्टाफ की पूर्ति भी हो जाएगी ।
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