अगर टेस्ट क्रिकेट में ध्यान केंद्रित करते हैं, तो वो महान टेस्ट कप्तान बन सकते हैं, वह सफेद गेंद में अपनी बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते है।” कोहली का बल्ला पिछले कई महीनो से खामोश था। जिससे कोहली पर दबाव बनने लगा था। रन न बना पाने का दबाव कोहली नहीं झेल पाय़े, जिसके बाद उन्होने ये सबसे कठिन निर्णय लिया। आपको बता दें कि साल 2017 में धोनी के कप्तानी से हटने के बाद क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी20 में कोहली को भारतीय क्रिकेट टीम की कमान सौंपी गई थी। यह पहली बार होगा जब कोहली आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत की अगुवाई करेंगे। उन्होंने इससे पहले साल 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल 2019 आईसीसी विश्व कप के सेमीफाइनल में टीम का टीम का कमान संभाला है।
बतौर कप्तान विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी के बाद टी20 में दूसरे सबसे सफल कप्तान है। धोनी ने 42 टी20 मैचों में जीत हासिल की थी। विराट कोहली का विनिंग प्रतिशत धोनी से भी बेहतरीन है। कप्तान कोहली ने इस मामले में धोनी से कहीं बेहतर हैं। कोहली वैसे तो आक्रामक कप्तान के तौर पर जाने जाते हैं। अब शायद ऐसा आक्रामक खिलाड़ी मैदान में नहीं दिखे।
BCCI सचिव जय शाह ने कोहली के टी-20 में कप्तानी छोड़ने के ऐलान के बाद कहा कि कोहली एक खिलाड़ी टीम के वरिष्ठ सदस्य के रूप में योगदान देना जारी रखेंगे।