गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा से सीख लेते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली से लगने वाली सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर कई लेयरों की तगड़ी बेरिकेटिंग की गई है। ट्रैक्टर रैलियों में जिस तरह ट्रैक्टर की मदद से बेरिकेड्स हटाए गए थे, वैसी घटना को रोकने के लिए कीलें भी लगाई गई थीं। हालांकि आज सुबह खबर आयी कि उन्हें हटाया जा रहा है।
इस मामले पर दिल्ली पुलिस का कहना है कि ऐसी वीडियो और तस्वीरें प्रसारित हो रही हैं जिसमें यह दिखाया जा रहा है कि गाज़ीपुर बाॅर्डर से कीलें हटाई जा रही हैं। कीलों की जगह बदली जा रही है। बाॅर्डर पर तैयारियां पहले जैसी ही हैं।
किसानों के प्रदर्शन स्थलों और उसके आसपास कई स्तर की बैरिकेड्स, सड़कों पर लोहे की कीलें, कंटीले तार, सीमेंट के बैरिकेड्स के बीच लोहे की छड़ें लगाने, डीटीसी बसों एवं अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसी भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यहां गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिन बाद प्रदर्शन स्थलों पर सुरक्षा के उपाय कड़े किए गए हैं। इस हिंसा में 394 सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे।
किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचा विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंच गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, एसएडी सांसद हरसिमरत कौर बादल और टीएमसी सांसद सौगत रॉय शामिल हैं।
हम आठ-दस पार्टियां किसानों से मिलने गाज़ीपुर बॉर्डर जा रही हैं जहां पर किले,13 लेवल की बैरिकेडिंग की गई है, इतना तो हिंदुस्तान के अंदर पाकिस्तान बॉर्डर पर भी नहीं है। हमें संसद में भी इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं दिया जा रहा है जो कि सबसे अहम मुद्दा है- हरसिमरत कौर
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