मत कर अभिमान तू तन पर

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sadbhawnapaati
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मत कर अभिमान तू तन पर, तेरा कर्म ही पूजा जायेगा।
पंचतत्व का तन यह तेरा, सच मिट्टी में मिल जायेगा।।
मत कर अभिमान तू …।।
मान तू खुद को खुशकिस्मत, मानव तन तुमको मिला।
करने को कल्याण सभी का ,अवसर यह तुमको मिला।।
अपना समय बर्बाद नहीं कर, ऐसे ऐशो – आराम में तू।
अपनी खुशियां बांट सभी को, तुम्हें याद किया जायेगा।।
मत कर अभिमान तू …।।
मत कर तू बदनाम खुद को, सुंदरता पर अभिमान कर।
भेदभाव तू मन से मिटाकर , यहाँ सबका सम्मान कर।।
तन सुंदर और मन मैला, ऐसा जीवन किस काम का।
जीना सीख सभी के लिए तू , तन तेरा धन्य हो जायेगा।।
मत कर अभिमान तू …।।
देश के कल्याण में , तेरा तन अगर काम आये।
तेरे तन की यह सुंदरता, कुर्बान वतन पर हो जाये।।
बहुत बड़ा है कर्ज वतन का, तेरे इस हसीन तन पर।
बलिदान वतन पर कर दे तन, यह तन अमर हो जायेगा।।
मत कर अभिमान तू …।।
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद

(साहित्यकार एवं शिक्षक)

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।