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Education News: डिजिटल शिक्षा सामग्री के विकास पर शिक्षा मंत्रालय का बड़ा निवेश

Education News: डिजिटल शिक्षा सामग्री के विकास पर शिक्षा मंत्रालय का बड़ा निवेश

केंद्र सरकार कोरोना संक्रमण के दौर में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के साथ मिलकर कई नए और बड़े कदम उठा रही है। इसके अंतर्गत राज्यों की आवश्यकता के आधार पर शिक्षा मंत्रालय, कंप्यूटर लैब स्थापित करने के लिए 6.40 लाख रुपये और स्मार्ट क्लासरूम के लिए 2.40 लाख रुपये प्रदान कर रहा है।

10727 विद्यालयों में आईसीटी प्रयोगशाला के लिए अनावर्ती शीर्ष के अंतर्गत 68685.2 लाख स्वीकृत है। 42204 विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाओं के लिए 94633.20 लाख रुपये स्वीकृत है। डिजिटल सामग्री के विकास के लिए दीक्षा के तहत 1098.01 लाख रुपये की राशि की भी सिफारिश की गई है। यह जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

गौरतलब है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या व्यापक पहल शुरू की गई है। यह शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस को सक्षम करने के लिए डिजिटल, ऑनलाइन, ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करती है।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एक राष्ट्र, एक डिजिटल प्लेटफॉर्म दीक्षा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री प्रदान करने के लिए देश का डिजिटल बुनियादी ढांचा है। इसमें सभी ग्रेड के लिए क्यूआर कोडित सक्रिय पाठ्यपुस्तकें इस पर उपलब्ध हैं।1 से 12 तक (एक वर्ग, एक चैनल) प्रति कक्षा एक स्वयंप्रभा टीवी चैनल निर्धारित किया गया है।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि रेडियो, सामुदायिक रेडियो और सीबीएसई पॉडकास्ट- शिक्षावाणी का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। डिजिटली एक्सेसिबल इंफॉर्मेशन सिस्टम (डेजी) और एनआईओएस वेबसाइट, यूट्यूब पर सांकेतिक भाषा में विकसित नेत्रहीन और श्रवण बाधितों के लिए विशेष ई-कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है।

ये सभी योजनाएं व कार्यक्रम निशुल्क हैं और देश भर के सभी छात्रों के लिए उपलब्ध हैं।इसके अलावा, उन छात्रों तक पहुंचने के लिए जिनके पास प्रौद्योगिकी तक पहुंच नहीं है, राष्ट्रीय, राज्य या जिला स्तर पर विभिन्न नवीन गतिविधियां की जा रही हैं।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक इनमें गली-गली सिम-सिम, तिली-मिली कार्यक्रम, मोटर एस्कुल, रोविंग टीचर, प्रोजेक्ट स्माइल (सोशल मीडिया) इंटरफेस फॉर लनिर्ंग एंगेजमेंट), ई-कक्ष, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया समूहों का गठन, घर पर कार्य पुस्तक वितरण, छात्रों के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए शिक्षकों से आवाहन शामिल हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में है और राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी छात्रों की मांगों को पूरा करने के लिए हर जगह मौजूद स्थिति के आधार पर कार्रवाई करें ताकि उन्हें डिजिटल रूप से सीखने के लिए आवश्यक डिजिटल पहुंच प्रदान की जा सके।

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