नई दिल्ली। स्वतंत्र मीडिया की छवि वाले एनडीटीवी पर अडानी के कब्जे का असर दिखना शुरू हो गया है। एनडीटीवी के सबसे चर्चित पत्रकार रवीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है।
चैनल के भीतर एक इंटरनल मेल के माध्यम से रवीश के इस्तीफे की जानकारी दी गई है। इससे एक दिन पहले एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय भी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दे चुके हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार एनडीटीवी ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने इस मेल में लिखा है कि, ‘रवीश जितना लोगों को प्रभावित करने वाले कुछ ही पत्रकार हैं। यह उनके बारे में अपार प्रतिक्रिया में परिलक्षित होता है; वो भीड़ जिन्हें वे अपने इर्द-गिर्द जमा करते हैं, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों और पहचान में; और उनकी हर दिन की रिपोर्ट में, जो उन लोगों के अधिकारों और जरूरतों को पूरा करता है जो सेवा से वंचित है।’
दरअसल, बीते 23 अगस्त को गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी समूह ने एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सा अधिग्रहित कर लिया था। तभी अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी में और 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए मार्केट में ओपन ऑफर लाने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में अडानी ग्रुप बीते 22 नवंबर को ओपन ऑफर लाया था, जो आगामी 5 दिसम्बर तक खुला है। अडानी की एंट्री के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे की रवीश कुमार इस्तीफा दे देंगे।
बता दें कि एनडीटीवी एक प्रमुख मीडिया हाउस है जो एनडीटीवी 24×7, एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी प्रॉफिट नाम के तीन राष्ट्रीय चैनलों का संचालन करती है। एनडीटीवी कि छवि स्वतंत्र मीडिया घराने रूप में रही है। अपने आलोचनात्मक दृष्टिकोण के लिए एनडीटीवी दर्शकों के बीच मशहूर है। हालांकि, प्रणव और राधिका रॉय और रवीश कुमार के इस्तीफे के बाद एनडीटीवी के दर्शकों का मानना है कि यह चैनल भी अब कॉरपोरेट के कब्जे में चला गया। ऐसे में अब चैनल का फोकस जनहित के मुद्दों को उठाने के बजाए व्यवसाय पर ज्यादा रहेगा।