सरकार ध्यान दे – इंदौर में रेमडेसिवीर के बाद अब फैबिफ्लूकी कमी

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

कोरोना काल में अहम बन चुके इंजेक्शन रेमडेसिवीर की किल्लत के पीछे इसकी शार्ट एक्सपायरी भी बढ़ा कारण बन रही है। रेमडेसिवीर इंजेक्शन के उपयोग की अवधि सिर्फ 11 माह होती है। किसी दवा के उत्पादन से वितरण और उपयोग तक के लिहाज से यह अवधि काफी कम है। एक्सपोर्ट माल वापसी से होने वाले घाटे की चिंता में कंपनियां इंजेक्शन का उत्पादन सीमित मात्रा में करती है। सरकार यदि कंपनियों को खरीद के आर्डर दे तो आपूर्ति की तादात बढ़ सकती है। इस बीच अब शहर की दवा दुकानों पर अब कोरोना के उपचार में काम आ रही दवा फैबिफ्लू (फेबिपिराविन) गायब होने लगी है। गुरुवार को ज्यादातर दुकानों पर दवा उपलब्ध नहीं थी।

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

बुधवार-गुरुवार को शहर की ज्यादातर दवा दुकानों पर फैबी फ्लू टैबलेट उपलब्ध नहीं थी। काफी तलाशने के बाद किसी दुकान पर यह टेबलेट मिल पा रही थी। रिटेलर्स के मुताबिक थोक दवा कारोबारी मांग के मुकाबले आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। जबकि लोगों ने बीमारी के डर से इस दवा को खरीदकर घर में स्टाक करना शुरू कर दिया है। रिटेल दवा विक्रेता शिकायत कर रहे हैं कि थोक कारोबारी ज्यादा मुनाफे के लालच में इस गोली की सप्लाय रोककर शार्टेज पैदा कर रहे हैं। दुकानदार भी शिकायत कर रहे हैैं कि फैबी फ्लू की किल्लत पर अब तक जिम्मेदार सरकारी विभाग जागे नहीं है। शासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है |

[/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।