Higher Education Department: University को तैयार करवाना थे आकाशवाणी प्रसारण के Lecture, Professors..

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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प्रोफेसरों ने उठाए सवाल, कैसे होगी बेहतर रिकॉर्डिंग, 1 अक्टूबर से कॉलेजों में लगना है ऑनलाइन क्लासेस राज्य शासन ने 1 अक्टूबर से कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेस लगाने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए हर कोर्स के हर विषय के ऑडियो-वीडियो लेक्चर तैयार करवाना है। एमकॉम और एमए के सभी विषयों के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटी को अधिकृत किया था। उसे ही सारे लेक्चर कॉलेज प्रोफेसरों के जरिए तैयार करवाना थे, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने विषयवार प्रोफेसरों को जिम्मा सौंप दिया। अब प्रोफेसर कह रहे हैं बिना सिस्टम के वे कैसे बेहतर क्वालिटी के लेक्चर तैयार करवा पाएंगे, जबकि यूनिवर्सिटी का तर्क है कि उसे विभाग की तरफ से यही जिम्मा दिया गया था। इस बीच अब 1 अक्टूबर से आकाशवाणी के जरिए लगने वाली क्लास पर असमंजस की स्थिति बन गई है।

यूनिवर्सिटी का तर्क- शासन के आदेश अनुसार ही कहा है यूनिवर्सिटी का कहना है कि शासन ने ही कहा था कि लेक्चर तैयार करवाने में कॉलेजों और प्रोफेसरों की मदद ली जाए, इसलिए हमने उन्हें बुलाकर रिकॉर्डिंग की पूरी जानकारी दी। रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है कि पांच विषयों के लेक्चर तैयार करवाकर शासन को भेज भी दिए। शासन की तरफ से ही कहा गया था कि इस प्रक्रिया को डी-सेंट्रलाइज करके पूरा किया जाए, इसीलिए कॉलेजों का सहयोग ले रहे हैं। इधर, प्रोफेसरों का कहना है कि बिना सिस्टम के लेक्चर तैयार करना मुश्किल हो रहा है। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. सुरेश सिलावट का कहना है कि यूनिवर्सिटी को पूरी कमान हाथ में लेना चाहिए। वहीं प्रोफेसरों को भी इस मामले में पूरी मदद करना पड़ेगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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