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इंदौर में पत्रकार गणेश तिवारी का शव संदिग्ध हालात में फंदे पर लटका मिला, टीआई और महिला से प्रताड़ना का लगा आरोप 

मध्यप्रदेश के इंदौर में 40 वर्षीय पत्रकार का शव उसके घर में बुधवार देर रात संदिग्ध हालात में फंदे पर लटका मिला है। पुलिस के एक अधिकारी ने गुरूवार को यह जानकारी दी है। लसूड़िया पुलिस थाने के प्रभारी संतोष दूधी ने बताया, ‘‘गणेश तिवारी (40) की सतना जिले में रह रहीं पत्नी ने उन्हें बुधवार देर रात फोन किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

इससे चिंतित होकर उनकी पत्नी ने पड़ोसियों को उनकी खैरियत जानने को कहा। जब पड़ोसियों ने तिवारी के घर के भीतर झांक कर देखा तो वह फंदे पर लटके मिले।’’  पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर जांच को शुरू कर दिया है।

पुलिस को नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

मामले में संतोष दूधी ने बताया कि इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तिवारी के घर का दरवाजा तोड़कर उनका शव बरामद किया और इसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

थाना प्रभारी के मुताबिक, पहली नजर में लगता है कि तिवारी ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की है। उन्होंने हालांकि कहा कि पुलिस को तिवारी का छोड़ा गया कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और उनकी कथित खुदकुशी के कारण की जांच की जा रही है।

कुछ दिन पहले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार का किया था खुलासा

बहरहाल, अलग-अलग समाचार चैनलों में काम कर चुके तिवारी की फेसबुक प्रोफाइल देखकर यह पता चलता है कि उन्होंने लसूड़िया पुलिस थाने के कुछ कर्मचारियों के कथित भ्रष्टाचार की एक खबर पांच दिन पहले ही पोस्ट की थी।

40 वर्षीय पत्रकार ने अपनी मौत से महज छह दिन पहले, खुद की फेसबुक प्रोफाइल पर होरेस ग्रीले का यह मशहूर उद्धरण हिन्दी में लिखा था,‘‘पत्रकारिता आपकी जान ले सकती है, लेकिन जब तक आप इसमें हैं, तब तक यह आपको जीवित रखेगी।’’

वहीं इंदौर प्रेस क्लब और कई स्थानीय पत्रकारों ने संदिग्ध हालात में तिवारी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

मृत पत्रकार ने पुलिस वालों पर लगाया था “निजी द्वेष” का आरोप
अधिकारियों ने बताया कि लसूड़िया पुलिस ने तिवारी समेत चार लोगों के खिलाफ अक्टूबर 2021 में शहर के एक ढाबे के बारे में नकारात्मक खबर चलाने की धमकी देकर ढाबा संचालक से अवैध वसूली के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में तिवारी को गिरफ्तार भी किया गया था।
बाद में तिवारी को मामले में अदालत से जमानत मिल गई थी और उन्होंने आरोप लगाया था कि लसूड़िया पुलिस ने “निजी द्वेष के चलते” उनके खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज की थी।

बता दे, परिजनों ने टीआई की प्रताड़ना के साथ एक महिला पर तिवारी की मौत का इल्जाम लगाया है।

परिजनों ने ये भी आरोप लगाया है कि लसूड़िया के एक पूर्व टीआई सहित इंडस सेटेलाइट ग्रीन के पूर्व पदाधिकारीयों ने गणेश को प्रताड़ित और अपमानित कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया है।

इसके अलावा लगातार एक महिला द्वारा तिवारी को मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी। ये इसलिए क्योंकि पिछले दिनों लसूडिया में हुई फर्जी एफआईआर के मामले में वो महिला ऐसा कर रही थी।

रहवासियों के अनुसार, कुछ लोगों को लेकर कल एक महिला पत्रकार के घर आई थी। वह किसी मामले को लेकर विवाद करने आई थी।

जिसकी वजह से पत्रकार की मानसिकता और ज्यादा आहत हुई। इसके चलते पत्रकार ने कुछ ही दिन पूर्व इंदौर कमिश्नर को परेशानी की वजहों का आवेदन भी सौंपा था।

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