Kamalnath | हर राज्य को Medical Disaster Management विभाग का गठन करना चाहिए- कमलनाथ | Covid19

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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कोविड ने दुनिया को दहला दिया है। विकसित देश भी इसके सामने असहाय बन गए हैं। यह समय गंभीरता के साथ एक ऐसी चिकित्सीय और आपदा प्रबंधन प्रणाली बनाने का है, जो जनता को सुरक्षित और तंत्र को व्यवस्था बनाने में मदद कर सके । हमें यह समझना होगा कि यह एक मेडिकल प्रॉब्लम है। इसे ला एंड ऑर्डर की समस्या की तरह डील नहीं कर सकते।यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कही | इस खबर पर आज हमारे साथ मौजूद है कांग्रेस नेता गजेन्द्र वर्मा, देखिये क्या कहते है

देश में और प्रत्येक राज्य को मेडिकल डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग का गठन करना चाहिए। मध्य प्रदेश को रिइन्वेंट करने के लिए मैंने एक सोच सामने रखी थी। वह यह है- प्रदेश का भौगोलिक नुकसान है कि हम कहीं पर भी समुद्र से नहीं जुड़े हैं, लेकिन यह हमारी ताकत बन सकती है। देश की 65% आबादी तक प्रदेश पहुंच रखता है। हम उसे लॉजिस्टिक हब बना सकते हैं। हमें राजस्व के नए क्षेत्र विकसित करने होंगे। यदि भंडारण के क्षेत्रों को विकसित करते हैं तो जीएसटी के दौर में प्रदेश में बहुत सारे लोग आ सकते हैं, क्योंकि वह यहां पर भंडारण करके लॉजिस्टिक कास्ट घटा सकते हैं, सप्लाई चेन ज्यादा एफिसिएंट बना सकते हैं। बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। एक समग्र नीति रोजगार पर बनानी पड़ेगी। हमने सोचा था कि नए उद्योगों में 70% रोजगार मूल निवासियों को दें। कौशल विकास एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें नए अवसरों को पहचानना पड़ेगा। प्रदेश को रूपांतरित करने के लिए हमें अपने हाथों को कुशल बनाना पड़ेगा। इस जरूरत को हम जितनी जल्दी समझेंगे, उतना ही प्रभावी मध्यप्रदेश हम बना पाएंगे। 8 लाख मजदूर मप्र लौटे हैं। ये दर्शाता है कि बीते 15 साल में मजदूरों का ही उत्पादन हुआ है। मेरे सुझाव पर छिंदवाड़ा में मक्के की खेती हुई, आज यह जिला प्रदेश में अव्वल बना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईटी हब, फार्मा उद्योग, आदि क्षेत्रों में युवाओं को भविष्य दे सकते हें।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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