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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का ऐतिहासिक आदेश, गिरफ्तारी, अतिक्रमण और क्या रोका, जाने 

मध्यप्रदेश में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण के बीच जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High court) ने अभूतपूर्व कदम उठाया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की डिवीजन बैंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक बड़ा आदेश सुनाया.
अपने आदेश में चीफ जस्टिस ने कहा-जब तक कानून व्यवस्था पर संकट नहीं है तब तक छोटे-मोटे अपराधों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाए.

साथ ही 15 जून तक तक पैरोल और अंतरिम जमानत जारी रखी जाएं और अतिक्रमण न हटाए जाएं.

हाईकोर्ट ने पूरे मध्यप्रदेश की तमाम अदालतों द्वारा जारी अंतरिम आदेशों को 15 जून तक लागू रखने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक प्रदेश में अदालतों द्वारा स्वीकृत सभी अंतरिम जमानतें और पैरोल अब 15 जून तक जारी रहेंगे.

हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सरकार को आदेश दिया है कि 15 जून तक प्रदेश में कहीं भी अतिक्रमण हटाने या लोगों को बेदखल करने की कार्रवाई ना की जाए. कोर्ट ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया 15 जून तक स्थगित रखने के आदेश दिए हैं.

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गिरफ्तारी पर 15 जून तक रोक

साथ ही साथ हाईकोर्ट ने 7 साल या उससे कम की सजा वाले अपराधों में आरोपियों की गिरफ्तारी पर भी 15 जून तक रोक लगा दी है.हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब तक कानून व्यवस्था पर संकट ना हो तब तक छोटे अपराधों में गिरफ्तारियां 15 जून तक ना की जाए.
हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी अदालतों द्वारा जारी आदेशों के पालन की समय सीमा भी बढ़ाकर 15 जून कर दी है. हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 15 जून की तारीख तय की है.

कोरोना के कारण बड़ा फैसला

हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इस फैसले का पालन सुनिश्चित किया जाए. दरअसल प्रदेश की अदालतों सहित तमाम शहरों में कोरोना मरीज बड़ी संख्या में पाए जा रहे हैं.
कोरोना संकट की इस घड़ी में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच ने ये ऐतिहासिक आदेश दिया है.
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