अब छह महीने पहले पास आउट होंगे स्टूडेंट्स
-60 फीसदी अंक वाले ग्रेजुएट छात्र कर सकेंगे सीए कोर्स
-10वीं के बाद ही सीए फाउंडेशन में प्रवेश, दो साल की होगी आर्टिकलशिप
-60 फीसदी अंक वाले ग्रेजुएट छात्र कर सकेंगे सीए कोर्स
-10वीं के बाद ही सीए फाउंडेशन में प्रवेश, दो साल की होगी आर्टिकलशिप
भोपाल। एक समय था जब ज्यादातर सीए प्राइवेट प्रैक्टिस ही करते थे पर अब 70 से 80 प्रतिशत इंडस्ट्री में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में बदलती जरूरत को देखते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने सीए के कोर्स में बड़े बदलाव किए हैं। अब स्टूडेंट्स सीधे 10वीं के बाद सीए फाउंडेशन में रजिस्टर हो सकते हैं।
वहीं, डायरेक्ट स्कीम के तहत ग्रेजुएशन के बाद सीधे सीए इंटरमीडिएट कोर्स में एडमिशन लिया जा सकेगा। आर्टिकलशिप को भी तीन के बजाय दो साल कर दिया गया है। कोर्स 48 महीनों के बजाए 42 महीनों में ही पूरा हो जाएगा, जिससे स्टूडेंट्स 6 महीने पहले ही इंडस्ट्री में काम कर पाएंगे। जो स्टूडेंट्स सीए फाइनल परीक्षा में पास नहीं हो पाएंगे, उन्हें भी बिजनेस अकाउंटिंग एसोसिएट (बीएए) सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
अब 8 के बजाय 6 विषय की होगी परीक्षा
सीए फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल से कुछ विषयों को हटाया गया है, जिससे अब तीनों परीक्षाओं में 8 के बजाए सिर्फ 6 विषय के ही पेपर देने होंगे। स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए एक सेल्फ-पेस्ड ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें सेट ए और बी के विषय अनिवार्य होंगे। वहीं सेट सी और डी के विषयों में से स्टूडेंट्स अपनी पसंद के मुताबिक विषय चुन सकते हैं। इंटरमीडिएट के बाद स्टूडेंट को खुद ही इन विषयों की पढ़ाई करनी होगी और फाइनल के पहले चुने गए सभी विषयों में पास होना अनिवार्य होगा।
सीए फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल से कुछ विषयों को हटाया गया है, जिससे अब तीनों परीक्षाओं में 8 के बजाए सिर्फ 6 विषय के ही पेपर देने होंगे। स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए एक सेल्फ-पेस्ड ऑनलाइन मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसमें सेट ए और बी के विषय अनिवार्य होंगे। वहीं सेट सी और डी के विषयों में से स्टूडेंट्स अपनी पसंद के मुताबिक विषय चुन सकते हैं। इंटरमीडिएट के बाद स्टूडेंट को खुद ही इन विषयों की पढ़ाई करनी होगी और फाइनल के पहले चुने गए सभी विषयों में पास होना अनिवार्य होगा।
अब साल में दो की जगह तीन बार होगी परीक्षा
सीए विनय नागोरिया के अनुसार सीए में रजिस्ट्रेशन करवाने के चार साल के भीतर फाइनल एग्जाम पास करना जरूरी हो गया है। पहले साल में सिर्फ दो बार जनवरी और जुलाई में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस होता था। अब यह तीन बार होगा, ताकि स्टूडेंट्स को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े। पासिंग परसेंटेज में भी बदलाव हुए हैं। अब फाउंडेशन में पास होने के लिए 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। पहले सीए इंटरमीडिएट और फाइनल में डिस्क्रिप्टिव प्रश्न आते थे। अब 30 प्रतिशत एमसीक्यू आएंगे, जिसमें 25त्न माइनस मार्किंग भी होगी। 70 प्रतिशत प्रश्न डिस्क्रिप्टिव होंगे।
सीए विनय नागोरिया के अनुसार सीए में रजिस्ट्रेशन करवाने के चार साल के भीतर फाइनल एग्जाम पास करना जरूरी हो गया है। पहले साल में सिर्फ दो बार जनवरी और जुलाई में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस होता था। अब यह तीन बार होगा, ताकि स्टूडेंट्स को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े। पासिंग परसेंटेज में भी बदलाव हुए हैं। अब फाउंडेशन में पास होने के लिए 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। पहले सीए इंटरमीडिएट और फाइनल में डिस्क्रिप्टिव प्रश्न आते थे। अब 30 प्रतिशत एमसीक्यू आएंगे, जिसमें 25त्न माइनस मार्किंग भी होगी। 70 प्रतिशत प्रश्न डिस्क्रिप्टिव होंगे।
स्टूडेंट्स अकाउंटिंग से जुड़े जॉब कर सकेंगे
यदि स्टूडेंट ने सीए इंटरमीडिएट और सॉफ्ट स्किल मॉड्यूल पास कर लिया है। साथ ही दो साल की आर्टिकलशिप भी पूरी कर ली है पर सीए फाइनल में पास नहीं हो पाए तब भी स्टूडेंट्स को बिजनेस अकाउंटिंग एसोसिएट सर्टिफिकेट (बीएए) दिया जाएगा। जिसके जरिए स्टूडेंट कहीं भी अकाउंटिंग से जुड़े जॉब्स कर पाएंगे।
यदि स्टूडेंट ने सीए इंटरमीडिएट और सॉफ्ट स्किल मॉड्यूल पास कर लिया है। साथ ही दो साल की आर्टिकलशिप भी पूरी कर ली है पर सीए फाइनल में पास नहीं हो पाए तब भी स्टूडेंट्स को बिजनेस अकाउंटिंग एसोसिएट सर्टिफिकेट (बीएए) दिया जाएगा। जिसके जरिए स्टूडेंट कहीं भी अकाउंटिंग से जुड़े जॉब्स कर पाएंगे।