नई दिल्ली। 18 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र सुचारू रूप से चल नहीं पा रहा है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विपक्षी दलों के हंगामें के कारण कई बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है। 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चार सप्ताह तक चलने वाले मानसून सत्र के दो सप्ताह हो चुके हैं। इस बीच सामने आया है कि मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह के दौरान राज्यसभा में कामकाज घटकर 16.49 प्रतिशत रह गया, जो पहले सत्र के दौरान 26.90 प्रतिशत था। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि ‘सदन की कार्यवाही में बाधा संसदीय लोकतंत्र का विनाश है।’
राज्यसभा में मात्र 11 घंटे 8 मिनट ही हुआ कामकाज
राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि इस सत्र के पहले दो हफ्तों में सदन में कुल 21.58 फीसदी कामकाज हुआ है। राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि अब तक राज्यसभा में 10 बैठकें हुईं है। इसमें निर्धारित 51 घंटे 35 मिनट में से 11 घंटे 8 मिनट ही कामकाज हुआ। अब तक राज्यसभा में 40 घंटे 45 मिनट का नुकसान हुआ है।
अब तक नहीं हुआ एक भी विधेयक पारित
राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि चार हफ्ते तक चलने वाले मानसून सत्र के पहले दो हफ्तों के दौरान आठ दिनों में कोई विशेष चर्चा नहीं हुई। साथ ही छह दिनों में कोई प्रश्नकाल नहीं हुआ। सचिवालय ने यह भी बताया कि सामूहिक विनाश के हथियार विधेयक पर चर्चा के साथ ही अब तक कोई विधेयक पारित नहीं किया जा सका है।