कॉलेजों में 1 अक्टूबर से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू होना है। इससे पहले मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर ऑनलाइन क्लासेस का ट्रायल किया गया। इसमें सामने आया कि कई कॉलेजों के पास कक्षाएं चलाने के लिए सॉफ्टवेयर ही नहीं है। इससे कई कॉलेजों को लेक्चर रिकॉर्ड करने में दिक्कत आई। तकनीकी खामियों के कारण शिक्षकों की आवाज भी विद्यार्थियों तक ठीक से नहीं पहुंच पाई। कुछ कॉलेजों ने यूजी तो कुछ ने पीजी कोर्स के विषय पढ़ाए। विद्यार्थियों ने भी विषय से संबंधित सवाल पूछे। अग्रणी कॉलेज ने ऑनलाइन क्लासेस का डेटा अतिरिक्त संचालक कार्यालय में भेज दिया है। 1 अक्टूबर से यूजी सेकंड-थर्ड ईयर और पीजी फाइनल ईयर की ऑनलाइन क्लासेस लगाई जाना है। मंगलवार को जीजाबाई कन्या महाविद्यालय ने जिलेभर के कॉलेजों से समन्वय करके कक्षाओं का ट्रायल किया।
ऑनलाइन क्लासेस में लापरवाही न हो इसलिए विद्यार्थी और शिक्षकों की प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। ट्रायल में भी इस बात का ध्यान रखा गया। निगरानी की जिम्मेदारी अग्रणी कॉलेजों को दी है। सुबह 8 बजे से कक्षाएं लगना शुरू की गई। यह समय कॉलेज ने अपने यहां लगने वाली कक्षाओं को देखकर रखा है। ट्रायल के दौरान तकनीकी गड़बड़ी न आए इसके लिए आइटी एक्सपर्ट भी मौजूद थे। कुछ शिक्षकों ने कॉलेज से तो कुछ शिक्षकों ने अपने-अपने घरों से कक्षाएं लगाई। ओल्ड जीडीसी कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सुमित्रा वास्केल ने बताया कि सॉफ्टवेयर नहीं होने से कुछ कॉलेजों को लेक्चर रिकॉर्ड करने में परेशानी आई। वहीं सुगनीदेवी कॉलेज के डॉ.एलके त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों के लिए भी ऑनलाइन क्लास नया अनुभव है। अतिरिक्त संचालक प्रो.सुरेश सिलावट ने बताया कि नियमित कक्षाओं की तरह ऑनलाइन क्लासेस लगाई जाएगी।
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