उज्जैन पहुंचे पंडित प्रदीप मिश्रा किए महाकाल के दर्शन आज से है शिव महापुराण कथा

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उज्जैन। सीहोर के प्रसिद्ध शिव महापुराण वक्ता पंडित प्रदीप मिश्रा ने सोम प्रदोष के महासंयोग में सोमवार को भगवान महाकाल के दर्शन किए। पंडित मिश्रा ने गर्भ गृह में जाकर पुजारी दिलीप गुरु के आचार्य भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर षोडशोपचार पूजन किया। दिलीप गुरु ने बताया पंडित मिश्रा ने भगवान को हार, फूल, इत्र, बेलपत्र, धतूरा तथा चावल अर्पित किए।

शिव पूजन के लिए तो प्रदोष का विशेष महत्व है बताया जाता है, इसीलिए पंडित मिश्रा एक दिन पहले उज्जैन पहुंचे तथा सोमवार सुबह महाकाल के दर्शन किए।आज दोपहर को 1 बजे से बड़नगर रोड पर उनकी शिव महापुराण कथा होगी। मैं कभी राजनीति में नहीं आऊंगा प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मैं कभी चुनाव नहीं लड़ूंगा। केवल शिव भक्ति करना चाहता हूं।

आज से उज्जैन में शिव महापुराण कथा

पं.प्रदीप मिश्रा की मंगलवार से शहर में शिव महापुराण कथा होगी। श्री विट्ठलेश सेवा समिति द्वारा बड़नगर रोड पर कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में देशभर से करीब 5 से 7 लाख लोगों के आने का अनुमान है। प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए शिप्रा की छोटी रपट, भूखी माता तथा शंकराचार्य चौराहा से कथा स्थल तक नो व्हीकल जोन घोषित किया है। ऐसे में श्रद्धालुओं को इन स्थानों से तपती दोपहर में करीब दो किमी लंबा सफर तय करते हुए कथा स्थल तक पहुंचना पड़ेगा।

विट्ठलेश सेवा समिति उज्जैन के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा ने बताया मामले में हमने प्रशासन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है। रविवार शाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम अन्य अधिकारियों के साथ कथा स्थल पर पहुंचे तथा समिति पदाधिकारियों से चर्चा की। समिति का कहना है कि कथा स्थल से दो से तीन किलोमीटर तक का क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित करने से दर्शनार्थियों को आवागमन में परेशानी होगी।

महिला, बुजुर्ग व दिव्यांग भक्त तपती दोपहर में इतना लंबा पैदल कैसे चलेंगे। अगर प्रशासन तीन किलोमीटर दूर पार्किंग का निर्माण कर रहा है, तो वहां से कथा स्थल तक नि:शुल्क वाहन सेवा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। बैठक में खेतों में गेहूं की फसल कटने के बाद नरवाई मौजूद रहने तथा भीड़ नियंत्रण को लेकर भी चर्चा हुई। बताया जाता है कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है।

पं.मिश्रा उज्जैन पहुंचे, प्रशासन से कर सकते हैं चर्चा

प्रकाश शर्मा ने बताया पं.प्रदीप मिश्रा रविवार रात उज्जैन पहुंच गए हैं। उन्होंने पांडाल, भोजनशाला आदि का निरीक्षण किया तथा अनुयायियों से मुलाकात की। पं. मिश्रा सोमवार सुबह भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। साथ ही पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था आदि मुद्दों पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं। आला अधिकारियों की भी मंशा है कि वे महाराजश्री से चर्चा कर व्यवस्था को अंतिम रूप दें।

प्रवेश द्वार के सामने लगाए नल, फिसलन होने की संभावना

इधर कथा की तैयारी अंतिम दौर में चल रही है। समिति ने अब तक जो इंतजाम किए हैं, उनमें कुछ कमी नजर आ रही है। आयोजकों ने मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ही पाइल लाइन बिछाकर उसमें बड़ी संख्या में नल लगा दिए है। इससे पानी के साथ खेत की मिट्टी मुख्य मार्ग पर आएगी और फिसलन होगी। इससे दुर्घटना का अंदेशा रहेगा। हालांकि अध्यक्ष का कहना है कि मैंने पानी पीकर देखा है, ढलान होने से पानी खेत में जा रहा है।

जमीन को ठीक से प्लेन नहीं किया, परेशानी होगी

जिस स्थान पर कथा हो रही है वह कृषि भूमि है। इस पर कुछ दिन पहले तक गेहूं की फसल खड़ी थी। जैसे जैसे फसल कटी और खेत खाली हुए, तो समिति ने समतलीकरण का काम शुरू कराया। अगले हिस्से में बराबर लेवलिंग हुई है। लेकिन जिस स्थान पर पंडाल बनाया गया है, वहां ठीक से समतलीकरण नहीं हुआ है। ऐसे में श्रद्धालुओं को चलने व बैठने में परेशानी होगी।

पुजारी महासंघ ने गर्भगृह में प्रवेश बंद करने पर जताई आपत्ति

इधर अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने पं.प्रदीप मिश्रा की कथा के कारण महाकाल मंदिर के गर्भगृह में 3 से 10 अप्रैल तक महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित करने पर आपत्ति दर्ज कराई है। महासंघ के प्रदेश सचिव रूपेश मेहता ने कहा कि सिंहस्थ, श्रावण मास अथवा ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा से जुड़े विशेष पर्व व त्योहार पर गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाना उचित है।

लेकिन कथा भागवत में आने वाली भीड़ के कारण प्रवेश रोकना अनुचित है। यह भीड़ प्रबंधन का मामला है, प्रशासन को योजना बनाकर इसका निराकरण करना चाहिए। केवल भीड़ नियंत्रण करना है, इसके लिए जलाभिषेक रोकना धर्म और भक्त भावना के हित में नहीं है। पं.प्रदीप मिश्रा अपनी कथा में भक्तों को शिव उपासना के लिए जलाभिषेक करने को कहते हैं और दूसरी ओर उनकी कथा के लिए महाकाल के जलाभिषेक पर रोक लगाना सर्वथा अनुचित है। प्रबंध समिति को यह निर्णय वापस लेना चाहिए।

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