वीडी शर्मा को मिलेगी दूसरी पारी या तय होगा प्रदेश अध्यक्ष का नया चेहरा विजयवर्गीय, सुमेर सिंह, शुक्ला, नरोत्तम और भदौरिया पर रहेगी नज़र
MP News in Hindi. भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक्सटेंशन मिल गया है। पार्टी ने यह फैसला आगामी नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए लिया है। इस बीच मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं। या किसी नए चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी जाएगी। इसे लेकर हाईकमान जल्द ही फैसला करेंगा। क्योंकि वीडी शर्मा का तीन साल का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्म होने जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों का कहना कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल बढ़ने के साथ ही आगामी दिनों में उनकी टीम में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। कुछ राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश अध्यक्षों को बदलने जाने की चर्चा है। इसके अलावा 2024 के चुनाव को देखते हुए संगठन में भी कुछ नए लोगों को शामिल किया जाएगा। कुछ प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल भी बढ़ाए जा सकते है। वी.डी. शर्मा का कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं यह सब कुछ फीडबैक पर निर्भर करेगा। राष्ट्रीय स्तर से फीडबैक लेने का काम चल रहा है।
इसकी रिपोर्ट कुछ दिनों में दिल्ली पहुंच जाएगी। इसके बाद विधानसभा चुनाव के हिसाब से जिम्मेदारियों में जरूरी बदलाव होंगे। 24 जनवरी को प्रदेश की राजधानी भोपाल में कार्यसमिति की बैठक होगी। इस बैठक में केंद्रीय नेतृत्व से मिले कार्यक्रमों और निर्देशों पर बात चर्चा होगी।
अगर वीडी शर्मा हटे तो इन लोगों की खुल सकती है किस्मत
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा अगर वीडी शर्मा को हटाती है, तो उनके स्थान पर सामान्य वर्ग से ही आने वाले किसी नेता को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस रेस में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला सबसे आगे नजर आ रहे हैं। शुक्ला की सीएम चौहान के साथ अच्छी ट्यूनिंग बताई जाती है।
इस बीच शिवराज सरकार में मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी इस रेस में शामिल है। दोनों ही नेताओं की संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है। भदौरिया का सीएम चौहान के साथ अच्छा तालमेल है। ग्वालियर चंबल बेल्ट में उनका प्रभाव है। पिछली बार भी उनका नाम प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल था। लेकिन एन वक्त पर वीडी शर्मा बाजी मार ले गए।
पार्टी की नजर दलित और आदिवासी वोट बैंक पर
विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा जातीय कार्ड भी खेल सकती है। पार्टी की नजर दलित और आदिवासी वोट बैंक पर है। 2018 के विधानसभा चुनावों में यह तबका पार्टी से छिटक गया था। ऐसे में प्रदेश की कमान किसी दलित या आदिवासी चेहरे को भी सौंपी जा सकती है। आदिवासी चेहरों में राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी का नाम सबसे आगे है। सोलंकी बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हैं। वे खरगोन-बड़वानी के सांसद रहे माकन सिंह सोलंकी के भतीजे है।
दलित वर्ग को साधने के लिए पार्टी प्रदेश से किसी दलित चेहरे को भी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा सकती है। ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य का नाम सबसे आगे है।