इंदौर. नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी अपनी मनमानी पर उतर आए हैं। इन्हें जनता की गाढ़ी कमाई का रुपया खर्च करने में मजा आता है। क्योंकि यह रुपया इनका स्वयं का नहीं है। इसलिए यह नित नए नए आदेश निकाल कर रुपयों की बर्बादी कर रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि शहर में 400 नई सिटी बसें और मंगाने जा रहे हैं। सवाल यह उठता है कि पहले से ही 550 सिटी बसें चल रही है उन्हें यात्री नहीं मिल रहे हैं। अब यह 400 सिटी बसें किन- किन रूटों पर चलाएंगे। इन्हीं अधिकारियों से कि पूछा जाए की यह करोड़ों रुपए को बर्बादी किसके कहने पर कर रहे हैं अगर जवाब नहीं दें तो इनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाकर इन्हें सबक सिखाया जा सके। वैसे भी शहर में 15000 ऑटो रिक्शा, 3000 से ज्यादा मैजिक व वेन टैक्सी या अन्य कमर्शियल वाहनों के साथ लाखों निजी वाहन सड़कों पर पहले से दौड़ रहे हैं।
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सूत्रों की मानें तो नगर निगम अगले कुछ माह में शहर के लोगों को सुखद व सुलभ सफर का लॉलीपॉप देखकर 400 नई सिटी बसें संचालित करने की बात कर रहा है। इसके टेंडर भी हो चुके हैं, आरटीओ को इन बसों को चलाने के लिए रूट तय करने का पत्र लिखा है। नए रूट अभी तक तैयार नहीं हुए हैं, ऐसे में सवाल ये उठता है कि इतनी अधिक बसें कैसे और कहां चलाई जाएंगी। वर्तमान में यात्रियों का टोटा पड़ा हुआ है कई बसें रूटों पर बंद हो गई है।
शहर में 950 बसें रोड पर आ जाती है तो ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ेगा, अभी भी प्रमुख मार्गों पर सिटी बसों द्वारा प्रतिदिन जाम की स्थिति निर्मित होती है।
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