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संस्थाओं से लेकर निजी कॉलोनाइजर होंगे प्रशासन के निशाने पर,भू माफियाओं पर प्रशासन कसेगा नकेल कलेक्टर ने बनाया त्रिस्तरीय प्लान

इंदौर . भूमाफियाओं के कब्जे वाली और घोटालों से घिरी गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की बंद फाइलें फिर खुल रही हैं। प्रशासन ने इन संस्थाओं की सूची बनाकर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। संस्थाओं में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई के साथ ही पात्र और पीड़ित सदस्यों को भूखंड मिलने की उम्मीद है। दूसरी ओर इसी तर्ज पर निजी कॉलोनाइजर और बिल्डरों द्वारा प्लॉट धारकों के साथ धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर अधिकारियों ने तीन स्तर पर लोगों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ऑपरेशन क्लीन के तहत भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। इनमें जाग्रति सविता, कविता, राजेश्वरी देवी अहिल्या श्रमिक कामगार, श्रीराम, गांधी नगर, सरस्वती न्याय नगर, नवभारत, आकाश, लक्ष्मण, जनकल्याण, नंद गृह निर्माण सहित अन्य सहकारी संस्थाएं शामिल हैं। संस्थाओं में कब्जा जमाए माफिया को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी। इनमें से कुछ के खिलाफ आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए थे। इसके बाद प्रदेश में भाजपा सरकार ने भूमाफिया सहित अन्य माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की। इतना ही नहीं, प्रशासन ने अलग-अलग संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज तक करवाई थी, लेकिन कोरोना की दूसरी जगह के चलते प्रशासन की मुहिम थम गई थी। कलेक्टर मनीष सिंह ने पुनः इस मुहिम को आगे बढ़ा दिया है और मंगलवार से इसका श्रीगणेश श्री महालक्ष्मी गृह निर्माण संस्था से शुरू कर दिया। अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर, एसडीएम अंशुल खरे सहित अधिकारियों ने कॉलोनी का मुआयना करने के साथ ही पीड़ितों से चर्चा कर उन्हें प्लॉट दिलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है।

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पहले चरण में विवादित 12 संस्थाओं के पीड़ितों को मिलेगा न्याय
श्री महालक्ष्मी नगर से शुरू हुई प्रशासन की भूमाफियाओं के खिलाफ मुहिम के पहले प्रशासन ऐसी 12 सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं को ले रहा है, जिनमें सबसे अधिक विवाद हैं। इन संस्थाओं में श्री महालक्ष्मी नगर, न्याय नगर, पुष्प विहार, राजगृही, कविता, श्रीराम गृह निर्माण आदि शामिल है। इन संस्थाओं में चार से साढे चार हजार पीड़ितों को उनके हक के प्लॉट प्रशासन दिलाएगा।
दूसरे चरण में मिलेंगे पांच हजार लोगों को प्लॉट
कलेक्टर मनीष सिंह ने अभियान का खाका इस प्रकार तैयार किया है कि अधिक से अधिक पीड़ितो को उनके सपनों का अशियाना मिल सके। इसके बहुत गृह निर्माण संस्था ही नहीं, निजी कॉलोनाइजर से ठगाए गए लोगों को राहत मिले। अपर कलेक्टर अभय बेडेकर के अनुसार दूसरे चरण में प्रशासन 116 विवादित गृह निर्माण संस्थाओं की कुडली तैयार कर करीब पांच हजार पीडित सदस्यों को प्लॉट पर कब्जे दिलाएगा।
तीसरे चरण में कॉलोनाइजर व बिल्डरों से ठगाए लोगों को राहत
अपर कलेक्टर बेडेकर की माने तो भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान आगे चलता रहेगा। गृह निर्माण संस्थाओं के पीड़ित सदस्यों को न्याय दिलाने के बाद प्रशासन निजी कॉलोनाइजर और बिल्डरों पर नकेल कसेगा और धनराशि देकर भी लोगों को प्लॉट या अपार्टमेंट नहीं देने वाले बिल्डर और कॉलोनाइजरों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार अलग अलग चरणों में लोगों को उनके हक के प्लॉट दिलाकर न्याय दिलाया जाएगा।

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