हमारे सनातन धर्म में व्रत एवं उपवास का महत्वपूर्ण स्थान होता है। हिन्दू परंपरा के व्रत व उपवास की चर्चा एकादशी के व्रत के बिना अधूरी है।
शास्त्रानुसार एकादशी का व्रत करना सभी हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए श्रेयस्कर बताया गया है। वैष्णवों के लिए तो एकादशी का व्रत करना अनिवार्य है। शास्त्रों में एकादशी का व्रत महान पुण्यदायी व पापों को क्षय करने वाला बताया गया है। प्रत्येक मास में दो एकादशी व्रत आते हैं। प्रत्येक मास की एकादशी का एक विशेष नाम होता है। आइए जानते हैं संपूर्ण द्वादश (बारह) मास की एकादशी के नाम क्या हैं –
माह – पक्ष- एकादशी का नाम
1. चैत्र- कृष्ण पक्ष : पापमोचनी, शुक्ल पक्ष : कामदा
2. वैशाख- कृष्ण पक्ष : वरूथिनी शुक्ल पक्ष : मोहिनी
3. ज्येष्ठ- कृष्ण पक्ष : अपरा शुक्ल पक्ष : निर्जला
4. आषाढ़- कृष्ण पक्ष : योगिनी शुक्ल पक्ष : देवशयनी
5. श्रावण- कृष्ण पक्ष : कामिका शुक्ल पक्ष : पवित्रा
6. भाद्रपद- कृष्ण पक्ष : अजा शुक्ल पक्ष : पद्मा
7. आश्विन- कृष्ण पक्ष : इंदिरा शुक्ल पक्ष : पापांकुशा
8. कार्तिक- कृष्ण पक्ष : रमा शुक्ल पक्ष : देवप्रबोधिनी
9. मार्गशीर्ष- कृष्ण पक्ष : उत्पत्ति शुक्ल पक्ष : मोक्षदा
10. पौष- कृष्ण पक्ष : सफला शुक्ल पक्ष : पुत्रदा
11. माघ- कृष्ण पक्ष : षट्तिला शुक्ल पक्ष : जया
12. फाल्गुन- कृष्ण पक्ष : विजया शुक्ल पक्ष : आमलकी
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