घटना इंदौर के संस्कृति पार्क पालदा की है जहाँ रहने वाली एक छात्रा की गुरुवार दोपहर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। भंवरकुआं पुलिस के अनुसार, मृतका का नाम डॉली जायसवाल (24) था।
मामला कुछ ऐसा है डोली के पिता ओमप्रकाश एसी रिपेयरिंग और इंस्टॉलेशन का काम करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि घर का फर्नीचर रिपेयर करने के लिए एक कारीगर को बुलाया था। उसने रिपेयरिंग का सामान रखा और मजदूर को बुलाने के लिए चला गया। इसके बाद वे भी (पिता) साथी को लेकर मूसाखेड़ी स्थित साइट पर काम करने चले गए। बेटी मोनिका घर में ही थी। जब वह बॉथरूम से नहाकर निकली तो दीवारों और फर्श पर खून देखकर चौंक गई। उसने देखा कि डॉली का गला कटा हुआ था। वह चिल्ला भी नहीं पा रही थी।
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उसके पास कटर रखा था। उसका तार प्लग में लगा था। मोनिका चीखती हुई बाहर दौड़ी। पिता जब घर पहुंचे तो डॉली तड़प रही थी। वह पिता को कुछ कहना चाहती थी, लेकिन गला कटने से उसकी आवाज ही नहीं निकली। वे अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई। बहन का कहना है कि वह कुछ कहना चाह रही थी, लेकिन बोल नहीं पाई। पुलिस मामले को आत्महत्या मान रही है।
– कटर पर बेटी का पैर पड़ा और बटन चालू हो गया, इसके बाद वह कट गई
मैं सुबह 10.15 बजे घर से निकला, तब डॉली ने ही मुझे चाय पिलाई थी। घटना के वक्त बड़ी बेटी मोनिका नहा रही थी। मैं साइट पर पहुंचा, तभी 30 मिनट बाद मोनिका का फोन आया। कहा- डॉली कट गई है। मैं पहुंचा तो लहूलुहान थी। कुछ देर पहले ही फर्नीचर वाला कारीगर आया था। वह मजदूर लेने चला गया था। मुझे लगता है कि उस कटर पर मेरी बेटी का पैर पड़ा और बटन चालू हो गया। इसके बाद मशीन घूमी और वह दो-तीन जगह कट गई।
(जैसा पिता ओमप्रकाश ने बताया)
अन्य कारण जो सामने आये – रिश्तेदारों ने बताया कि डॉली लॉकडाउन के बाद से प्राइवेट फॉर्म भरकर सिविल इंजीनियर की पढ़ाई कर रही थी। परिवार में दो बहनें और हैं। 20 साल पहले उसकी मां की मौत के बाद पिता ने ही सारी जिम्मेदारी संभाली। तीन साल पहले भाई की कैंसर से मौत हो गई। उसे कुछ समय पहले माइग्रेन की शिकायत हुई थी। उसका इलाज चल रहा था। पुलिस का कहना है कि उसने खुद गला काटा है।
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