सड़क पर घिसटाती इंसानियत, कोटा से इटावा तक जाते अनिल अकाउंटेंट की दास्तान

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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पूरा देश जहां कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है कई शहरों में लाशों के अंबार लगे हुए हैं , ऑक्सीजन, दवाइयों एवं अस्पताल में बेड की कमी से जहां लोग परेशान हो रहे हैं वही मरने के बाद श्मशान में भी कतारें लग रही है । नकली दवाइयों इंजेक्शन का कालाधंधा जोर शोर से चल रहा है | इंसानियत ख़त्म होती जा रही है ।

ऐसा ही एक वीडियो आज सामने आया है जिसमें अनिल अकाउंटेंट नाम के व्यक्ति जो कि कोटा से चलकर इटावा तक अपने घर जाना चाह रहे हैं, अनिल के एक पैर में चोट है जिसका घाव स्पष्ट दिखता है इस कारण अनिल घसीटते हुए चल रहे हैं । सदभावना पाती न्यूज़ के वीडियो एडिटर प्रतीक भावसार की नजर जब अनिल पर पड़ी तो उन्होंने उनसे मामला जानना चाहा की आप इस तरह से क्यों चल रहे हैं ?

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अनिल ने बताया कि मुझे अपने गांव इटावा जाना है, मुझे कोई मदद नहीं मिल रही सरकार या प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल रही तो मजबूरी में मुझे ऐसे ही जाना पड़ रहा है | प्रतीक द्वारा अनिल को आर्थिक मदद की पेशकश की गई जिसे अनिल ने धन्यवाद कहकर वापस लौटा दिया । सदभावना पाती न्यूज़ सरकार से निवेदन करता है कि अनिल की मदद की जाए जो कि अभी इंदौर के बीआरटीएस से होते हुए गुजर रहे हैं ।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।