सिंगापुर की कंपनी कंपिटेक कॉर्प ने भले इंदौर को सीसीटीवी सर्विलांस की सर्वे रिपोर्ट में वर्ल्ड में चौथे नंबर पर रखा है, लेकिन इसकी हकीकत चौंकाने वाली है। घर-प्रतिष्ठानों के सर्विलांस से जुड़े कैमरों में 17 फीसदी रात में काम के नहीं हैं। 50 फीसदी इंटरनेट से विहीन तो 66 फीसदी कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट या चेहरे ही रीड नहीं कर पाते हैं।
यह खुलासा इंदौर पुलिस द्वारा लिए गए फीडबैक में हुआ है। पुलिस शहर के करीब 2 लाख कैमरों को सर्विलांस पर लाने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरवा रही है। अभी तक विभिन्न निजी संस्थानों, दफ्तरों और सोसायटियों के 4440 से ज्यादा कैमरे रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
शहरवासियों की सुरक्षा के लिए इंदौर पुलिस ट्रैफिक सिग्नलों पर लगे कैमरों के बाद अब धीरे-धीरे तमाम जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को भी कंट्रोल रूम से जोड़ रही है। इसके लिए घर, प्रतिष्ठान या संस्थानों से गूगल लिंक या क्यूआर कोड के जरिए ऑनलाइन फॉर्म भरवाए जा रहे हैं।
इन कैमरों के डेटाबेस से हर घटना, दुर्घटना का वास्तविक कारण और कारक पता करने में पुलिस को मदद मिलेगी। साथ ही किसी क्षेत्र में चोरी, लूट, डकैती या अन्य कोई वारदात होने पर अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिलेगी।
शहर का कैमरा नेटवर्क
- 2 लाख से अधिक कैमरे शहर में हैं इंस्टाल
- 4440 निजी कैमरे कंट्रोल रूम में रजिस्टर्ड
- 1.20 लाख दुकानों का नगर निगम में पंजीयन
- 80 हजार दुकानें अब भी नहीं हैं पंजीकृत
- 2 लाख में से 50 हजार दुकानों में लगे हैं कैमरे
- 50 छोटे-बड़े मॉल्स में लगे हैं 10 हजार कैमरे
- 1000 रहवासी संघों ने भी लगवा रखे सीसीटीवी
- 1500 ज्वेलरी शॉप पर भी 5000 से कैमरे
- 2300 दवाई दुकानों पर लगे हैं 10 हजार कैमरे
- 2500 शासकीय कार्यालयों में लगे हैं कैमरे
- 2000 निजी स्कूल भी हैं सीसीटीवी से लैस
- 20,000 निजी आवास भी कैमरों से सुरक्षित
- 1000 कैमरे विभिन्न ट्रैफिक सिग्नलों पर लगे हैं
मेंटेनेंस पर करोड़ों खर्च के बाद भी सुरक्षा अधूरी
एक मकान, दुकान या निजी संस्थान में न्यूनतम चार कैमरों का सेटअप लगा है। इस हिसाब से चार कैमरे एवं एक कंट्रोल यूनिट डेढ़ से दो यूनिट रोज बिजली कंजूम करती है। यानी महीनेभर में 50 से 60 यूनिट (400 रुपए) बिजली लगती है। सबसे छोटा सेटअप (चार कैमरे) लगाने पर गुणवत्ता अनुसार 15 हजार से एक लाख रुपए तक खर्च आता है। शहर में करीब दो लाख कैमरे लगे हैं। यदि इनकी बिजली का मासिक खर्च निकाला जाए तो आंकड़ा 5 करोड़ के आसपास आता है, लेकिन फिर भी सुरक्षा अधूरी है।
पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़े जा रहे हैं कैमरे
इंदौर पुलिस निजी सीसीटीवी कैमरे का डेटाबेस तैयार कर रही है। शहर में 10 हजार लोगों पर औसत 700 कैमरों की जानकारी सामने आई है। वर्तमान में इंदौर में दो लाख सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। पुलिस द्वारा घरों, संस्थानों के कैमरे पुलिस कंट्रोल रूम से जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है।– प्रशांत चौबे, एएसपी एवं नोडल अधिकारी कंट्रोल रूम