Education News – नए साल  के पहले दिन से 100 दिन रीडिंग अभियान, इससे ज्यादा से ज्यादा स्कूल जुड़ें- सीबीएसई

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सीबीएसई बोर्ड की ओर से सितंबर 2021 में  रीडिंग मिशन अभियान को लांच किया गया था। इसका उद्देश्य स्कूलों में बच्चों के पठन की संस्कृति को बनाए रखना था।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से शनिवार से 100 दिन रीडिंग अभियान शुरू किया जा रहा है। अभियान को शिक्षा मंत्री लॉन्च करेंगे। इसमें एक से लेकर आठवीं तक के छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

बोर्ड ने सभी स्कूलों से अभियान में शामिल होने की अपील की है। सीबीएसई के मुताबिक, स्कूलों में पठन की आदत को लेकर बोर्ड की ओर से इस बार अधिक ध्यान दिया जा रहा है। इसका जिक्र नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी किया गया है।

बोर्ड की ओर से सितंबर 2021 में  रीडिंग मिशन अभियान को लांच किया गया था। इसका उद्देश्य स्कूलों में बच्चों के पठन की संस्कृति को बनाए रखना था। इस कड़ी में बोर्ड की ओर से सीबीएसई रीडिंग चैलेंज सीरीज को भी शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य केस आधारित प्रश्नों के आधार पर छात्रों में विचार कौशल को विकसित करना था।

अब इसकी अगली कड़ी में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 100 दिन रीडिंग अभियान शुरू कर रहा है। इसके लिए बोर्ड की ओर से शिक्षक, अभिभावकों और विशेषज्ञों को साथ मिलकर दिशा-निर्देश तय किए हैं।

स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए अभियान
स्कूली शिक्षा में सुधार के मकसद से केंद्र सरकार नए साल के मौके पर शनिवार से 100 दिवसीय पढ़ाई अभियान शुरू करने जा रही है। बाल वाटिका से लेकर आठवीं कक्षा तक के छात्र नई शिक्षा नीति के तहत ‘पढ़े भारत’ से जुड़ेंगे।

इसमें छात्रों में रचनात्मकता, चिंतन, शब्दावली के साथ-साथ मौखिक व लिखित दोनों तरह से अभिव्यक्ति की क्षमता को विकसित करना है। शिक्षा व कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अभियान की शुरुआत करेंगे। अभियान 10 अप्रैल तक चलेगा। अभियान को ऐसे डिजाइन किया कि पढ़ाई को मनोरंजक बनाया जा सके।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।