इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) अध्यक्ष के खिलाफ देवास पुलिस थाने में शिकायत, पड़ोसी ने लगाए मकान क्षतिग्रस्त करने के आरोप

sadbhawnapaati
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इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा के खिलाफ देवास के सिविल लाइंस पुलिस थाने में शिकायत की गई है। आरोप है कि देवास स्थित चावड़ा के मकान में तोड़फोड़ के दौरान ठेकेदार ने ध्यान नहीं रखा और पड़ोसी के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया।
जानकारी के मुताबिक देवास के राजाराम नगर निवासी धनराज वर्मा ने सिविल लाइंस थाने में आवेदन दिया है। इसमें बताया कि मेरे पड़ोसी जयपाल सिंह चावड़ा द्वारा जेसीबी से अपने मकान को तुड़वाने का काम किया जा रहा था।
इस दौरान मेरे मकान की पिलर व छत में नुकसान हो गया। इसमें दरार बढ़ती जा रही है। इससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। पड़ोसी जयपाल सिंह को बुलाने पर भी उनके द्वारा कोई भी बात नहीं की जा रही है। ठेकेदार प्रवीण सोलंकी भी बात नहीं कर रहा है।
उसी की लापरवाही से यह हुआ है। इसके चलते पुलिस थाने में आवेदन दिया है। कलेक्टर से भी शिकायत की गई है। आवेदक का कहना है कि उसे उसका मकान उसी स्थिति में चाहिए जिस स्थिति में पहले था। बताया जा रहा है कि यह घटना आठ दिन पहले की है, जब मकान क्षतिग्रस्त हुआ था।
तब जयपाल सिंह चावड़ा ने आश्वासन दिया था कि रिपेयर करवा देंगे, लेकिन अब कोई सुध नहीं ली जा रही। इसके चलते शिकायत की है। पड़ोसी को रात में अस्थायी चद्दर लगाकर सोना पड़ रहा है। इस मामले में जयपाल सिंह चावड़ा से संपर्क करने की कोशिश की मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया.

नियुक्ति के बाद हुआ था चावड़ा का विरोध

बता दें कि जयपाल सिंह चावड़ा का देवास कनेक्शन ही उनकी नियुक्ति में विरोध की वजह बना था। इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष के लिए इंदौर के नेताओं की उपेक्षा कर जब चावड़ा पर भरोसा जताया गया तो इंदौर के दूसरे नेता मायूस हो गए। उन्होंने दबीजुबान इसकी शिकायत की थी।
मप्र के संगठन महामंत्री रहे सुहास भगत से नजदीकियों के चलते चावड़ा का नियुक्ति की बात कही गई थी, लेकिन अब भगत को भी संघ ने वापस बुला लिया है। ऐसे में चावड़ा के राजनीतिक भविष्य की अटकलें भी शुरू हो गई हैं। हालांकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो चावड़ा समन्वय में माहिर है।
इंदौर के संगठन मंत्री रहते हुए उन्होंने समन्वय से ही इंदौर के विपरीत गुटों को साधकर संगठन मजबूत किया था। सीएम से भी उनके मधुर संबंध हैं। ऐसे में विरोध के बावजूद वे डटे हुए हैं।
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