शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए अशासकीय शालाओं से 16 अप्रैल तक प्रस्ताव आमंत्रित

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

इंदौर। अशासकीय शालाओं में शैक्षणिक सत्र 2020-21 एवं 2021-22 के लिए निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत अध्ययनरत प्रवेशित बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति किए जाने के लिए शालाओं द्वारा निर्धारित मॉड्यूल में 16 अप्रैल तक की अवधि में प्रस्ताव प्रस्तुत किए जा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि सत्र 2020-21 में कोविड संक्रमण के चलते इस सत्र के लिए नेशनल आधार पर नवप्रवेशित बच्चों के साथ अन्य कक्षाओं के प्रोन्नत बच्चों के प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएंगे।
फीस या शुल्क प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय अशासकीय शालाओं को इस बार विशेष सावधानी का पालन करना आवश्यक होगा क्योंकि यह प्रस्ताव निर्धारित समय सीमा 16 अप्रैल तक ही प्रस्तुत किए जा सकेंगे, साथ ही एक शाला अधिकतम दो प्रस्ताव ही प्रस्तुत कर सकेगी।
ऐसी स्थिति में शालाओं को परामर्श दिया गया है कि वे अधिकतम बच्चों को पहले प्रस्ताव में ही सम्मिलित कर लें, आरटीई फीस प्रतिपूर्ति का लाभ वास्तविक बच्चों को ही प्राप्त हो इसके लिए शाला में आरटीई के तहत दर्ज समस्त बच्चों का आधार सत्यापन केवल बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से करवाए जाने का प्रावधान किया गया है।
अशासकीय शालाओं से पहले 2020-21 के प्रस्ताव लॉक किए जाएंगे उसके पश्चात ही सत्र 2021-22 के प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने होंगे।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।