अगर परिवार का सदस्य सरकारी नौकरी में है तो नहीं मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति –  हाईकोर्ट 

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sadbhawnapaati
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जबलपुर. मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी में अनुकंपा नियुक्ति के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने अपना पुराना बड़ा आदेश दोहराया है. आदेश में कोर्ट ने कहा है कि अगर पीड़ित परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में तो फिर अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलेगी.

अनुकंपा नियुक्ति के मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक अगर परिवार का एक सदस्य पहले से सरकारी नौकरी में है तो दूसरे सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती.

हाईकोर्ट ने 2016 मे दिए अपने आदेश को दोहराया है. जबलपुर हाई कोर्ट ने इस आदेश के साथ अनुकंपा नियुक्ति की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश की युगलपीठ ने इस सिलसिले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पहले के दिए गए फैसलों पर भरोसा जताया.

ये था मसला

शहडोल जिले के गोरतरा में रहने वाले अश्विनी कुमार पांडे की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि अपीलकर्ता के पिता पुलिसकर्मी थे. सर्विस के दौरान उनका निधन हो गया. निधन के बाद अपीलकर्ता ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए पुलिस विभाग को आवेदन दिया, लेकिन विभाग ने उनका वो आवेदन निरस्त कर दिया.
पुलिस विभाग के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी. इसके खिलाफ याचिका दायर की गई. उस याचिका को कोर्ट की एकलपीठ ने पांच अप्रैल, 2022 को निरस्त कर दिया. इसी आदेश को अपील के जरिए फिर चुनौती दी गई.
तर्क दिया गया कि अपीलकर्ता अपनी मां के साथ रहता है और उनके भरण पोषण, देखभाल के लिए उसे अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए.
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