सेक्स रैकेट और मानव तस्करी: 500 रु में बांग्लादेशी लड़कियों के बनाते थे Aadhar Card दो आरोपी गिरफ्तार

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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बांग्लादेश से बॉर्डर पार करवा कर गैर कानूनी ढंग से देह व्यापार के लिए लाई गई लड़कियों के फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले दो आरोपियों को एमआईजी पुलिस ने पकड़ा है। ये गांधी नगर में फोटो स्टूडियो चलाते थे। यहीं पर 500 में कलर प्रिंटर व मशीनों से आधार कार्ड बनाकर दे देते थे। एमआईजी टीआई विजय सिसोदिया के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों के नाम दीपक वैष्णव और गोवर्धन पुरोहित हैं। दीपक का गांधी नगर में फोटो स्टूडियो है। गोवर्धन भी उसी के साथ काम करता था। 26 सितंबर को श्रीनगर के उमा अपार्टमेंट में पकड़ी गई चार बांग्लादेशी लड़कियों व आरोपी नसरूद्दीन मलिक व उसकी पत्नी से पूछताछ में पता चला था कि बांग्लादेश से जो लड़कियां एजेंट के जरिए इंदौर लाई जाती थीं। उन्हें यहां देह व्यापार के लिए होटलों में ठहरने, फार्महाउस में भेजने और अन्य कामों के लिए भारतीय पहचान की जरूरत होती थी। टीआई ने लड़कियों की तलाशी कराई तो उनके पास से आधार कार्ड मिले। जब इनके नंबर और पते की जांच की गई तो वे फर्जी निकले। बाद में जब आरोपी दंपती से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने गांधी नगर में आरोपी दीपक के फोटो स्टूडियो से लड़कियों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कराने की बात कबूली।

सेक्स रैकेट एजेंट शिव नारायण के जरिए आरोपी नसरूद्दीन मलिक की पत्नी ने दोनों आरोपियों से आधार कार्ड तैयार करने की मांग की थी। इस पर आरोपी दीपक व गोवर्धन ने आम लोगों के आधार कार्ड का उपयोग कर बांग्लादेशी लड़कियों के लिए फर्जी आधार कार्ड बना दिए। इसमें गोवर्धन को 200 रुपए व दीपक को 300 रुपए मिलते थे। एमआईजी पुलिस ने सोमवार को इनके स्टूडियो की सर्चिंग की तो भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड मिले। आरोपियों को कूटरचित दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया। रूस और यूक्रेन से भी बुलाते थे लड़कियां बांग्लादेश से अवैध तरीके से लाई गई 13 लड़कियों को घर भेजने के लिए इंदौर पुलिस ने बांग्लादेश के दूतावास से संपर्क किया है। पुलिस को यह भी पता चला है कि इस रैकेट के एजेंट शहर में रूस व यूक्रेन की एस्कॉर्ट सर्विस से जुड़ी लड़कियों को भी बुलाते थे। डीआईजी ने दिल्ली के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट से संपर्क कर युवतियों की जानकारी मांगी है। डीआईजी हरि नारायण चारी मिश्र ने बताया कि रूस व यूक्रेन की लड़कियां दिल्ली, मुंबई से होकर इंदौर पहुंचती थीं। इन्हें शहर के कई बड़े होटलों या फार्महाउस में ठहराया जाता था। गिरोह से जुड़े सागर जैन, रोहन, कपिल, प्रमोद उर्फ बाबा के गिरफ्तार होने के बाद नई जानकारियां सामने आएंगी। शंका है कि शहर में सेक्स सर्विस के लिए कई और लड़कियां हैं जो बंधक बनाकर रखी गई हैं। ऐसी सभी युवतियों को छुड़ाने की कोशिश की जा रही है। गिरोह से जुड़े पुलिस वालों पर होगा एक्शन वहीं डीआईजी हरि नारायण चारी मिश्र ने स्पष्ट कहा है कि इस गिरोह के फरार एजेंटों के संपर्क में रहने वाले या उनसे सांठ-गांठ करने वाले पुलिस कर्मचारियों की वे खुद जानकारी जुटा रहे हैं। कई थानों के कर्मियों के नाम भी पता चले हैं। उन्होंने कहा है कि ये विभाग की छवि खराब करने वाले लोग हैं। इन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निलंबन के अलावा इनकी वेतन वृद्धि रोकने और बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जा सकती है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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