नई दिल्ली. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि AI ट्रांसलेशन के इस्तेमाल से गांवों के लोगों को कोर्ट के फैसले समझने में आसानी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की सराहना की है। सीजेआई ने कहा था कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की कॉपी हिंदी समेत देश की अन्य भाषाओं में मिलने लगेंगी। इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत अच्छा विचार है, जिससे खासतौर पर युवाओं समेत कई लोगों को मदद मिलेगी। शनिवार को मुंबई में काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सीजेआई ने कोर्ट के फैसलों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए दूसरी भाषाओं में ट्रांसलेट करने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा कि इससे गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी भाषा में फैसलों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। उन्होंने पहले कहा था- कोर्ट पेपरलेस हो, यह मेरा मिशन है।
सिस्टम की खामियां ढंकें नहीं, सामने लाएं
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें अपने सिस्टम की खामियों को ढंकने की जरूरत नहीं है। हमें इसे सामने लाकर इसकी मरम्मत करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट से जुड़ी सूचनाएं मिलने में आने वाली परेशानियां दूर करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया।
चीफ जस्टिस ने कोर्ट की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कानून में रुचि रखने वाले टीचर्स और स्टूडेंट्स लाइव-स्ट्रीमिंग के जरिए कोई भी केस देख सकते हैं, उसे समझ सकते हैं और उस पर चर्चा कर सकते हैं। जब आप लाइव किसी मुद्दे पर चर्चा करते हैं, तो पता चलता है कि समाज में कितना अन्याय हो रहा है।
लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं
कॉलेजियम सिस्टम पर उठ रहे सवालों के बीच चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं होती। हमें मौजूदा व्यवस्था के भीतर ही काम करना पड़ता है। न्यायाधीश वफादार सैनिक होते हैं जो संविधान लागू करते हैं। यह बातें उन्होंने पिछले साल संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर कही थी। जस्टिस चंद्रचूड़ जब कॉलेजियम को लेकर अपनी बात रख रहे थे, तब कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी वहां मौजूद थे।