नई व्यवस्था पर तर्क- डेटा को लेकर उच्च शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों पर नहीं होना पड़ेगा आश्रित उच्च शिक्षा विभाग केंद्रीय स्तर पर छात्र-छात्राओं के डेटा को लेकर हमेशा गफलत में रहता है। सही जानकारी जुटाने में हर बार विश्वविद्यालयों पर आश्रित होना पड़ता है। ऐसे में अब विभाग ने स्नातक और स्नातकोत्तर के करीब 7 लाख छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था लागू की है। ताकि विभाग विभाग के पास फर्स्ट ईयर/सेमेस्टर के अलावा अगले वर्षाें में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं का सटीक डेटा उपलब्ध हो सके। लेकिन इस व्यवस्था का भार भी हर एक छात्र को उठाना होगा। एडमिशन की पहली किश्त के अलावा हर छात्र को फीस जमा करने के लिए एमपी ऑनलाइन को पोर्टल चार्ज के रूप में 30 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इसके लिए वह कियोस्क पर जाकर भुगतान करे या फिर उसके पास उपलब्ध डिजिटल संसाधन के माध्यम से करे। एमपी ऑनलाइन को करीब 2.10 करोड़ की कमाई होगी। अभी तक कॉलेज में फीस जमा करने पर नहीं लगता था चार्ज पिछले सत्र तक छात्र कॉलेजों में सीधे फीस जमा करते थे। कॉलेजों में भी डिजिटल भुगतान की व्यवस्था के लिए उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर ही संबंधित बैंकों से स्वेप मशीन ली गईं।
एटीएम कार्ड से भुगतान कर देते थे या बैंक जाकर फीस जमा कर देते थे। सरकारी कॉलेजों में सेल्फ फाइनेंस कोर्सेस को छोड़कर अन्य सामान्य कोर्स की फीस न्यूनतम होने के कारण अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता था। छात्राओं को भी पोर्टल फीस में नहीं मिलेगी कोई छूट पोर्टल शुल्क को लेकर हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग की वीडियो कांफ्रेंसिंग में एक प्राचार्य ने छात्राओं को छूट देने का सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि फर्स्ट ईयर में एडमिशन देते समय पोर्टल फीस 50 रुपए शासन द्वारा माफ की जाती है। इस व्यवस्था में की जाएगी या नहीं। अधिकारियों ने कहा प्रमोशन में न्यूनतम फीस 30 रुपए ली जाएगी। इसमें किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। विभाग के पास एकजाई हो जाएगा डेटा स्कॉलरशिप देने के लिए विभिन्न विभाग उच्च शिक्षा विभाग से डेटा मांगते हैं ,उन्हें एकजाई डेटा उपलब्ध कराया जा सकेगा। स्कॉलरशिप के लिए छात्रों का सत्यापन सही से हो पाएगा। विश्वविद्यालयों व कॉलेजों से बार-बार डेटा नहीं मांगना पड़ेगा। अतिरिक्त फीस भी वसूलते हैं सेंटर उच्च शिक्षा विभाग के पास अतिरिक्त फीस वसूलने की शिकायतें पहुंचती हैं। कैफे संचालक भी मनमर्जी की फीस वसूलते हैं। एमपी ऑनलाइन के अधिकृत कियोस्क संचालक द्वारा मनमर्जी का चार्ज लिया जाए तो इसकी शिकायत उच्च शिक्षा विभाग को सुबह 10.20 से शाम 5.30 तक 0755-2554763,2551698 पर शिकायत कर सकते हैं। ज्यादा चार्ज वसूलें तो पोर्टल संचालक की करें शिकायत इस व्यवस्था से उच्च शिक्षा विभाग के पास एक्यूरेट डेटा उपलब्ध हो सकेगा। जिसका उपयोग विभिन्न कार्याें के किया जा सकता है। छात्र को फीस के अलावा पोर्टल चार्ज के रूप में न्यूनतम राशि 30 रुपए जमा करनी होगी। यदि कोई अधिकृत कियोस्क संचालक मनमर्जी की फीस ले तो उसकी शिकायत विभाग की हेल्पलाइन पर कर सकते हैं। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉ.धीरेंद्र शुक्ल, ओएसडी उच्च शिक्षा विभाग
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