ब्लैक मनी जिसका हम सभी कहीं ना कहीं इस्तेमाल जरूर करते हैं ।
क्या होती है ब्लैक मनी – ऐसा पैसा जिसका हिसाब सरकार से छुपा लिया जाए, उसका टैक्स ना भरा जाए अर्थात चोरी,
टैक्स की चोरी की जाए ब्लैक मनी कहलाता है ।
ब्लैक मनी नाम आते ही सबके कान खड़े हो जाते हैं और हम दूसरों पर उंगली उठाना चालू कर देते हैं । जबकि प्राय: प्राय: सभी लोग अपनी जिंदगी में इस तरह की ब्लैक मनी का इस्तेमाल करते हैं ।ब्लैक मनी के हजारों तरीके होते हैं उनमें से एक तरीका जो हर साधारण वर्ग के द्वारा अपनाया जाता है, वह है प्रॉपर्टी की गाइडलाइन और वास्तविक मूल्य के बीच का अंतर ।
पूछिए अपने आपसे जब आपको संपत्ति बेचना या खरीदना हो ।
आप उस संपत्ति को शासकीय गाइडलाइन पर या वास्तविक मूल्य पर खरीदना – बेचना चाहते हैं । जवाब हर व्यक्ति जानता है फिर भी मैं आपको बता देता हूं हम गाइडलाइन मूल्य का ही सौदा करते है ।
[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]उदाहरण के रूप में समझ लीजिए, एक संपत्ति का वास्तविक मूल्य 20 लाख रुपए जबकि उसका गाइडलाइन मूल्य 12 लाख रुपए ।ऐसी स्थिति में बेचने वाला उसे 12 लाख में ही सौदा करना चाहता है । इसका मुख्य कारण है संपत्ति पर रजिस्ट्री के रूप में लगने वाला टैक्स जो मध्यप्रदेश में तकरीबन 12.50 परसेंट है अलग-अलग प्रदेशों में यह अलग-अलग है समझिए 12 लाख की संपत्ति पर 12.50 परसेंट मतलब 150000 टैक्स लग जाएगा और इसी संपत्ति पर यदि 20 लाख की रजिस्ट्री कराई जाए जो कि वास्तविक मूल्य है, तो इस पर 2.5 लाख टैक्स लगेगा साथ ही बेचने वाले को इनकम टैक्स के रूप में भी अलग से पैसा देना होगा ।
ज्ञात हो कि खरीदने वाले को रजिस्ट्री का मूल्य ज्यादा लगेगा और बेचने वाले को इनकम टैक्स अधिक भरना पड़ेगा । इस कारण दोनों ही व्यक्ति सरेआम खुल्लम खुल्ला इस प्रकार टैक्स की चोरी करते हैं, और दोनों ही व्यक्ति काले धन को बढ़ावा देते हैं, बेचने वाले के पास इस 20 लाख मे 8 लाख काला धन ( ब्लैक मनी) होती है ।
कहने का मतलब यह है कि हर साधारण मनुष्य सिर्फ सरकार को ही कोसता रहता है जबकि जब उसे मौका मिलता है तो वह अपनी ईमानदारी नहीं दिखाता है ।
अगले एपिसोड में देखेंगे की आखिर हम जानबूझकर इस ब्लैक मनी का यूज़ करने के लिए मजबूर क्यों हो जाते हैं, सरकार की भूमिका और इंसान की मजबूरी क्या होती है । देखिए जरूर ।
[/expander_maker]
One Comment