हाइलाइट्स:
- * सीबीएसई क्लास 12 बोर्ड एग्जाम पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
- * फिजिकल एग्जाम न कराने व परीक्षा रद्द करने की मांग
- * कोर्ट ने केंद्र से पूछा परीक्षा रद्द न करने का कारण
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 पर 01 जून को फैसला आना था। लाखों स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स को केंद्र के इस फैसले का इंतजार है। लेकिन अब इस फैसले में थोड़ा और वक्त लगेगा। सोमवार, 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई क्लास 12 बोर्ड एग्जाम को लेकर सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट में 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने या ऑफलाइन एग्जाम की जगह कोई और विकल्प तलाशने को लेकर लगायी गयी याचिका पर सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अपील की है कि कोविड-19 की दूसरी लहर पिछली बार से ज्यादा खतरनाक है। ऐसे में फिजिकल मोड पर यह एग्जाम कराना अनुचित होगा। मांग है कि इस साल सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद्द की जाए और पिछले साल की तरह इंटरनल असेसमेंट्स के आधार पर मार्किंग की जाए।
स्टूडेंट्स की ओर से वकील ममता शर्मा ने शीर्ष अदालत में कहा कि करीब 7.3 लाख स्टूडेंट्स ने 2018 में फॉरेन यूनिवर्सिटीज से हायर एजुकेशन के लिए ऑप्ट किया है। अगर समय से 12वीं का रिजल्ट घोषित नहीं हुआ, तो उनका एक सेमेस्टर बर्बाद हो जाएगा। क्योंकि 12वीं के रिजल्ट के बिना उनका एडमिशन कन्फर्म नहीं होगा। 300 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने फिजिकल परीक्षा रद्द करने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र भी लिखा है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हमें एक-दो महीने इंतजार करना पड़े, तब भी 12वीं बोर्ड परीक्षा ली जानी चाहिए। यह स्कूल एजुकेशन का आखिरी पड़ाव होता है और यही किसी स्टूडेंट के लिए उच्च शिक्षा का आधार बनता है। हमारे पास बिना एग्जाम असेसमेंट व इवैल्युएशन करने का कोई विश्वसनीय तरीका मौजूद नहीं है। बिना बोर्ड एग्जाम के स्टूडेंट्स पढ़ाई को गंभीर रूप से नहीं लेंगे।
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