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Education News – नीट पीजी काउंसलिंग में देरी पर डॉक्टरों की हड़ताल का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, फोर्डा ने रखी ये मांगें

नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल अभी तक जारी है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हड़ताल को लेकर जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर स्वत: संज्ञान लेने की मांग की गई है, वहीं दूसरी ओर फोर्डा इंडिया की ओर से हड़ताल खत्म करने के लिए तीन सूत्री मांगें भी बताई गई हैं।  दरअसल, राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी आरक्षण कोटे की आय सीमा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है।
मामले में अगली सुनवाई 06 जनवरी, 2022 को होनी है। तब तक नीट काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है। इस कारण नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है। इस संबंध में एडवोकेट विनीत जिंदल ने स्वत: संज्ञान लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक पत्र याचिका दायर की है। रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा किए गए विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FORDA) कर रही है।
एडवोकेट जिंदल के अनुसार, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट पीजी काउंसलिंग में तेजी लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, इसलिए यह सामूहिक विरोध हो रहा है। याचिकाकर्ता ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट से नीट पीजी पाठ्यक्रम में आर्थिक आरक्षण से संबंधित मामले पर पूर्व निर्धारित सुनवाई को टालने और मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई शुरू करने का आग्रह किया है। उन्होंने भारत सरकार से भी विरोध-प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति बनाने के लिए निर्देश भी मांगे हैं। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को जांच शुरू करने और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की है।
FORDA ने हड़ताल खत्म करने के लिए तीन मांगों का प्रस्ताव रखा

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने मंगलवार को नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा मार्च निकालने और पुलिस पर विरोध करने वाले डॉक्टरों के साथ कथित तौर पर मारपीट करने का आरोप लगाने के एक दिन बाद मंगलवार को हड़ताल खत्म करने के लिए तीन मांगों का प्रस्ताव रखा है।  सबसे पहले, हम चाहते हैं कि संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हमें 06 जनवरी, 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई समाप्त होने के ठीक बाद काउंसलिंग के लिए एक तारीख मिलनी चाहिए। दूसरा, हम अधिकारियों से माफी चाहते हैं क्योंकि पुलिस ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की है। तीसरी बात, हम चाहते हैं कि प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लिया जाए।
– डॉ मनीष, अध्यक्ष, फोर्डा।
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