पश्चिम बंगाल में हर साल दुर्गा पूजा में सामाजिक या समसामयिक मुद्दों पर ही थीम देखने को मिलती है. इसके आधार पर ही पूजा स्थलों पर पंडाल डिजाइन किये जाते हैं और दुनिया भर में इनकी तारीफ़ भी होती है. इस बार कोरोना वायरस के कारण कई पूजा स्थलों पर इन मुद्दों को जगह नहीं मिली है. आयोजकों ने अपने थीम कोरोना वायरस या लॉक डाउन पर रखे हैं. जागरूकता फैलाने के लिए कई पूजा स्थलों पर कोरोना वायरस से जुड़े थीम अपनाए गए हैं. ऐसा ही कुछ बीरभूम (Birbhum) जिले के सैंथिया में देखने को मिला है, जहां देवी की मूर्ति को सिल्वर मास्क पहनाया गया है. देश में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता का संदेश देने के लिए सैंथिया में पूजा समिति ने यह निर्णय लिया. देवी और आस-पास के अन्य देवी-देवताओं को सिल्वर मास्क पहनाया गया है. समिति के एक सदस्य ने न्यूज एजेंसी एएनआई को कहा ‘इस बार देवी की मूर्ति के अलावा सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिकेय को सिल्वर मास्क से सजाने का निर्णय लिया गया.
कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता के लिए ऐसा किया गया है.’ कई अन्य दुर्गा पूजा पंडालों में भी कोरोना वायरस से जुड़ी थीम अपनाई गई. इनमें बारिशा क्लब दुर्गा पूजा समिति का पंडाल सबसे ख़ास रहा है, जहां लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदुर महिलाओं की पीड़ा को दिखाया गया है. महिलाएं अपने बेटे-बेटियों को गोद में लेकर पैदल चलती हुई दिखाई गई हैं. देवी की मूर्ति के स्थान पर प्रवासी मजदूर महिलाओं को ही दर्शाया गया है. कोरोना काल में मरीजों की मदद करने वाले कोरोना वॉरियर्स को भी सैल्यूट करने के लिए कुछ पंडालों में थीम इस्तेमाल की गई है. कोलकाता के एक पंडाल में देवी को डॉक्टर के रूप में सफेद कोट कहने हुए दिखाया गया है, जिसमें देवी महिषासुर से लड़ाई कर रही हैं. दुर्गा के हाथ में एक वैक्सीन है और वह इसका प्रयोग महिषासुर को मारने के लिए करती हैं. महिषासुर को कोरोना वायरस के रूप में दिखाया गया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस अद्भुत कला के फोटो ट्विटर पर शेयर किये जो काफी वायरल हो गए.
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