आज के इस दौर में घर से ही काम करने वाले लोगो की मांग में काफी इजाफा हुआ है. जिसे वर्चुअल असिस्टेंट कहा जाता है. यह लोग अपने घर से ही कई तरह की सेवाएं उपलब्ध करवाते हैं. इस तरह मैन पावर बचता है और काम में आने वाली दिक्कतें भी दूर हो जाती हैं. वर्चुअल असिस्टेंट बनकर काम और जीवन का संतुलन भी बना रहता है. आइए जानते हैं क्या होती है इनकी भूमिका. ये लोग नौ से पांच की डयूटी को छोड़कर व्यवसायिकों की मदद कर रहे हैं. ये लोग कभी ग्राहकों से नहीं मिलते.
इंटरनेट की मदद से काम पूरा करते हैं और अपने कार्य का पैसा भी इसी माध्यम से लेते हैं. वैसे तो वर्चुअल सहायक किसी भी कंपनी या संगठन के लिए काम करते हैं लेकिन उनका उपयोग अक्सर छोटे कारोबारी करते हैं. वर्चुअल असिस्टेंट कर्मचारी नहीं होते बल्कि वे खास परियोजना को पूरा करते तक कंपनी के साथ जुड़ते हैं. मजेदार बात है कि कंपनियों को ऍसे वर्चुअल असिस्टेंट को कर्मचारियों की तरह बीमा और अन्य लाभ भी नहीं देने पड़ते और उनका काम आसानी से पूरा हो जाता है. एक वर्चुअल सहायक दो से तीन घंटे काम करता है और अच्छा भुगतान प्राप्त करता सकता है. सहायक के काम के मुताबिक उसे भुगतान किया जाता है. वर्चुअल सहायक बनने के लिए किसी खास अनुभव की जरूरत नहीं है, बस काम में माहिर होना बहुत जरूरी है. वर्चुअल असिस्टेंट की सफलता का मूलमंत्र है- उच्च स्तर की ग्राहक सेवा. आपको अपने ग्राहकों को यह अहसास करवाना चाहिए कि वे आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. कुछ लोगों के लिए यह काम काफी आकर्षक हो सकता है क्योंकि यहां व्यक्ति को काम करने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ता. यहां पर सारा काम इंटरनेट और कम्प्यूटर की मदद से पूरा किया जा सकता है
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