किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “कल रेल रोको अभियान 12 बसे से 3-4 बजे तक रहेगा। हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं। अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले। गांव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे।”
संयुक्त किसान मोर्चा ने कल यानि गुरुवार, 18 फरवरी को दोपहर 12 से लेकर शाम 4 बजे तक देशव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन का ऐलान किया है. पिछली बार ‘चक्का जाम’ में जहां दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छूट दी गई थी, तो वहीं इस बार हरिद्वार जिले के किसान भी रेल रोको आंदोलन में शामिल होंगे. किसान रुड़की रेलवे स्टेशन पर सुबह 11 बजे पहुंचेंगे और शाम तीन बजे तक स्टेशन पर आंदोलन में शामिल रहेंगे.
किसान संगठनों के मुताबिक, गुरुवार को देशभर में हजारों किसान रेल की पटरियों पर बैठेंगे. किसानों की योजना पूरे देश के रेल नेटवर्क को चार घंटों के लिए ठप करने की है.
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अभीक साहा ने IANS से बातचीत में कहा, “जिस समय ट्रैफिक सबसे कम होती है, उस समय हमने सड़क जाम किया और इसी प्रकार, दिन में ट्रेन की ट्रैफिक कम होती है क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेन ज्यादातर रात में चलती हैं.”
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरा आंदोलन योजना के मुताबिक हो. ‘रेल रोको’ आंदोलन का मकसद सरकार पर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव बनाना है.
वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि, रेल रोको आंदोलन के बीच रास्ते में ट्रेनें नहीं रोकी जाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टिकैत ने कहा कि किसान इंजन पर फूल चढ़ाकर रेल रोकेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रियों को रास्ते में चाय-नाश्ता भी कराया जाएगा.
बता दें कि पिछली बार ‘चक्का जाम’ में जहां किसानों ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छूट दी गई थी, इस बार किसान ऐसी कोई रियायत नहीं देने के मूड में हैं. पंजाब के कीर्ति किसान यूनियन के प्रेस सचिव जितेंदर सिंह शीना ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ‘हम सभी रेलवे लाइनें ब्लॉक करेंगे, दिल्ली आने वाली भी लाइनें ब्लॉक करेंगे.’
रेल रोको आंदोलन को लेकर जीआरपी और आरपीएफ अलर्ट पर है, उनकी छुटिट्यां भी रद्द कर दी गई हैं. जानकारी के मुताबिक जहां-जहां आंदोलन का ज्यादा असर पड़ने की संभावना है, वहां पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की जाएगी.
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