कुंडली या नक्षत्र में शनिदेव का नाम आता है तो लोग परेशान होते हैं। वह सोचते हैं कि जीवन की सारी परेशानियों का कारण यही है परंतु ऐसा नहीं है. शनि उतना अशुभ और मारक नही है, दुख जितना उसे माना जाता है। वह शत्रु नही मित्र है। मोक्ष को देने वाला एक मात्र शनि ग्रह ही है। सत्य तो यह ही है कि शनि प्रकृति में संतुलन पैदा करता है, और हर प्राणी के साथ उचित न्याय करता है। जो लोग अनुचित विषमता और अस्वाभाविक समता को आश्रय देते हैं, शनि केवल उन्ही को दण्डित (प्रताडित) करते हैं। अनुराधा नक्षत्र के स्वामी शनि हैं।
शनि की साढ़े साती, भारतीय ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों में से एक ग्रह, शनि की साढ़े सात वर्ष चलने वाली एक प्रकार की ग्रह दशा होती है। ज्योतिष एवं खगोलशास्त्र के नियमानुसार सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते रहते हैं। इस प्रकार जब शनि ग्रह लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए अपना समय चक्र पूरा करता हैशनि की मंथर गति से चलने के कारण ये ग्रह एक राशि में लगभग ढाई वर्ष यात्रा करता है, इस प्रकार एक वर्तमान के पहले एक पिछले तथा एक अगले ग्रह पर प्रभाव डालते हुए ये तीन गुणा, अर्थात साढ़े सात वर्ष की अवधि का काल साढ़े सात वर्ष का होता है। भारतीय ज्योतिष में इसे ही साढ़े साती के नाम से जाना जाता है।
साढ़े साती का जहां पहला और दूसरा चरण बेहद ही कष्टकारी माना जाता है वहीं तीसरे चरण अच्छा माना जाता है। तीसरे चरण को लेकर कहा जाता है कि इस दौरान व्यक्ति को अपनी गलतियों का अहसास होने लगता है और वह अपनी भूल को सुधारने की कोशिश में लग जाते हैं। बता दें कि वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। ज्योतिषाचार्य की बात माने तो सनी की उतरती हुई साढ़ेसाती शुभ होती है इस समय सब यह होता है कि आपके रुके हुए कोर्ट कचहरी के काम पूरे होते हैं कोई काम यदि रुका हुआ है वह पूर्ण होता है अच्छे परिणाम मिलते हैं कामों का साथ ही इस दौरान लोगों का मानसिक तनाव भी दूर होता है।
कब तक मिलेगी मुक्ति
शनि का राशि परिवर्तन अब साल 2022 में 22 अप्रैल को होगा। जिसमें शनि मकर राशि से निकलर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परवर्तन से धनु राशि के जातकों को राहत मिलेगी। इस दौरान धनु राशि के जातकों को शुभ परिणाम मिलेंगे। 2022 में ही शनि देव एक बार फिर से वक्री हो जाएंगे और इसी अवस्था में मकर राशि में गोचर करेंगे। 12 जुलाई को शनि की चाल फिर से परिवर्तित होगी, जिसके कारण धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि साढ़े साती शुरू हो जाएगी। 17 जनवरी 2023 से 29 मार्च 2025 तक शनि कुंभ राशि में रहेंगे। मकर, कुंभ और मीन वालों पर शनि साढ़े साती रहेगी।12 जुलाई को शनि की चाल फिर से परिवर्तित होगी, जिसके कारण धनु राशि के जातकों फिर से साढ़े साती शुरू हो जाएगी।