हिन्दू पुराणों में मार्गशीर्ष माह का खासा महत्व है। श्रीमदभागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है कि महीनों में मैं मार्गशीर्ष का पवित्र महीना हूं। आइए जानते हैं कि इस माह की पूर्णिमा का क्या महत्व है:
इस पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनाराण की पूजा की जाती है और कथा सुनने का महत्व है। यह परम फलदायी बताई गई है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है।
र्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप आदि करते हैं। इस दिन दान देने का खासा महत्व है।
किसी जरूरतमंद को वस्त्र, भोजन आदि का यथाशक्ति दान करें। इस दिन किए जाने वाले दान का फल अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
पौराणिक मान्याताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग काल आरंभ हुआ था। इस दिन तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है।