शिवपुराण में जिक्र मिलता है कि एक बार माता पार्वती ने भगवान शंकर से पूछा कि क्या कोई ऐसे संकेत है जिनके दिखने से यह पता चल सके कि उस मनुष्य की मृत्यु होने वाली है। तब भगवान शंकर ने माता पार्वती को 8 संकेत बताये थे। आइये जानते है क्या है वह संकेत
सबसे पहले संकेत का संबंध व्यक्ति के शरीर के रंग से है। जिस व्यक्ति के शरीर का रंग सफेद, पीला या हल्का लाल पड़ने लगे तो समझ लीजिए कि उस व्यक्ति की मृत्यु निकट है। शरीर के रंग में यह बदलाव इशारा करता है की छः महीने के अंतराल में उस व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
यदी किसी व्यक्ति को सूर्य, चंद्रमा और आग से उत्पन्न होने वाली रोशनी ना दिखाई दे तो सावधान हो जाये। क्योंकि यह संकेत उस व्यक्ति की छः माह के अंतराल में मृत्यु होने का इशारा करता है।
सामान्य तौर पर पानी, तेल और दर्पण में जब व्यक्ति अपना प्रतिबिंब देखता है तो उसे सीधा सीधा दिखता है लेकिन जब यही बिंब विकृत तरीके से दिखने लगे तो यह उस व्यक्ति की जल्द मृत्यु का संकेत होता है।
जिस व्यक्ति के मुँह, कान और जीभ पथरा (स्तब्ध) जाते है तो समझ ले उस व्यक्ति की मृत्यु करीब है।
जब हम चलते है तो हमारी परछाई हमारे साथ चलती है लेकिन जिस व्यक्ति की मृत्यु आने वाली होती है उसे अपनी परछाई अपने से अलग दिखाई देने लगती है।
रंगबोध किसी को ज्यादा होता है किसी को कम लेकिन कुछ रंग ऐसे होते है जिन्हें कलर ब्लाइंडनेस वाले लोग भी पहचान लेते है। लेकिन जिस व्यक्ति को रंगबोध न हो और उसे सब कुछ काला काला दिखने लगे तो समझ जाएं कि उस व्यक्ति की जल्द ही मृत्यु होने वाली है।
जब किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य दिन पे दिन बिगड़ता जाये या फिर जीभ का फूलना, दांतों से मवाद निकलने लगे तो यह सब मनुष्य की कुछ माह में मृत्यु होने का संकेत माने गये है।
लगातार एक हफ्ते तक बिना किसी कारण या बीमारी के बाई आंख का फड़कना शुभ संकेत नही है। यह भगवान शिव के द्वारा मृत्यु की सूचना के आठ संकेतों में शामिल है।