Education News. अगस्त से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र में यदि कोई छात्र किसी कॉलेज में दाखिला लेने के बाद उसे रद्द करता है तो काॅलेज को उसकी पूरी फीस लौटाना होगी। विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ऐसे मामलों को स्पेशल केस मानते हुए यह फैसला लिया है। यह व्यवस्था 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।
इस दौरान कॉलेज प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी फीस में किसी प्रकार की कटौती नहीं कर सकेंगे। यूजीसी ने यह फैसला काेराेना काल में बिगड़ी अभिभावकों की आर्थिक हालत को देखते हुए उठाया है। आयोग का मानना है कि अभिभावक अभी संकट से जूझ रहे हैं। बता दें कि प्रदेश के कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया 1 अगस्त से शुरू होगी, जो 30 सितंबर तक चलेगी।
प्राेसेसिंग फीस के एक हजार रु. ही काट सकेंगे
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अगर अक्टूबर के बाद 31 दिसंबर तक कोई छात्र अपना कॉलेज बदलता है या अपना दाखिला कैंसिल करता है तो कॉलेज सिर्फ एक हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस के काट सकेंगे। बाकी पूरी फीस रिफंड की जाएगी। छात्रों के फीस व दाखिले के संबंध में यूजीसी ने यह डायरेक्टिव्स एपेक्स बाडी व काउंसिल को भी दिए हैं। वे इस संबंध में अलग से निर्देश जारी कर सकेंगे। इसमें एआईसीटीई , एनसीटीई, बीसीआई, एनएमसी, डीसीआई, आयुष आदि शामिल हैं।
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