चोइथराम मंडी के नाके से भ्रष्ट नाकेदार के पकड़ में आने के बाद से मंडी में हुए कई अन्य घोटाले भी उजागर हुए थे। इसके बाद नए मंडी सचिव ने संयुक्त संचालक से मिलकर मंडी की आय बढ़ाने और घोटाले रोकने को लेकर नई रणनीति बनाई। इसी कड़ी में मंडी के नाके पर काम कर रही पुराने कर्मचारियों की टीम को पूरी तरह से बदल दिया गया। इसके 9 दिन बाद ही चोइथराम मंडी की आय पिछले साल की तुलना में 29 लाख रुपए बढ़ गई। चोइथराम मंडी के नाके पर पिछले साल जो टीम थी उसके पूरे स्टाफ के 6 सदस्यों को 28 सितंबर को बदल दिया गया। इसके बाद 29 सितंबर से नई टीम ने काम संभाला। नौ दिन में ही 29 लाख रुपए का ज्यादा राजस्व मिल चुका है। जबकि मंडी में सबसे ज्यादा आवक वाली वस्तुओं में शामिल लहसुन और प्याज के भाव इस साल के मुकाबले पिछले साल चार गुना से भी ज्यादा थे। पिछले साल लहसुन के भाव 300 रुपए किलो तक के थे और इस साल 70 रुपए प्रति किलो हैं।
वहीं, प्याज के भाव 45 से 50 रुपए पिछले साल थे। वर्तमान में 25 से 30 रुपए किलो हैं। कृषि उपज मंडी समिति के सचिव राजेश द्विवेदी ने इंदौर में 25 सितंबर को पदभार ग्रहण किया था। उसके बाद कृषि उपज मंडी समिति के संयुक्त संचालक चंद्रशेखर वशिष्ट के साथ कर्मचारियों की बैठक लेकर मंडी की छवि को सुधारने के लिए प्रयास शुरू किए। इसी कड़ी में मात्र नौ दिन में ही परिणाम सामने आने लगे हैं।
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