कनाड़िया थाना क्षेत्र में रहने वाली कविता रैना की 7 साल पहले हत्या कर लाश के 7 टुकड़े कर नाले में फेंक दिया था। इस नृशंस हत्याकांड में एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया था।
लेकिन, कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया था। 7 साल बीत जाने के बाद एडिशनल सीपी राजेश हिंगणकर ने दोबारा से जांच करने के लिए दो टीम गठित की है जिसकी जिम्मेदारी डीसीपी क्राइम निमिश अग्रवाल को सौंपी गई है।
दरअसल, पूरा मामला 26 अगस्त 2015 का है, यहां मित्र बंधु नगर में रहने वाली कविता रैना घर से अपने बच्चे को लेने के लिए निकली थी, उसके बाद से लापता हो गई थी। वहीं, दूसरे दिन कविता रैना की तीन इमली चौराहे के नाले में 7 टुकड़ों में शव मिलने से सनसनी फैल गई थी।
एडी. सीपी राजेश हिंगणकर ने पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए एक बार फिर से कविता रैना हत्याकांड की जांच के लिए दो टीमें बनाई है, जिसकी जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल को सौंपी गई है।
इसके साथ ही एडिशनल सीपी राजेश हिंगणकर ने 30 ऐसे ब्लाइंड मर्डर की सूची तैयार की है जो की पिछले दस सालों से नहीं सुलझ पाए है। अब देखने वाली बात होगी कि कविता रैना की हत्या को करीब 7 साल बीत चुके है जिसमें दो डीआईजी संतोष कुमार और हरिनारायण चारी मिश्र भी जांच कर चुके है।