नई दिल्ली। मैरिटल रेप यानी वैवाहिक बलात्कार कानूनी रूप से अपराध है या नहीं अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगले हफ्ते से सुनवाई करेगा।
मैरिटल रेप के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच के विभाजित फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। दरअसल 11 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने अलग-अलग फैसला दिया था।
अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि मैरिटल रेप अपराध है या नहीं।भारतीय कानून में मैरिटल रेप कानूनी अपराध नहीं है। हालांकि, इसे अपराध घोषित करने की मांग को लेकर कई संगठनों की ओर से लंबे वक्त से मांग चल रही है।
याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आईपीसी की धारा 375(दुष्कर्म) के तहत वैवाहिक दुष्कर्म को अपवाद माने जाने को लेकर संवैधानिक तौर पर चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के जज इस मुद्दे पर एकमत नहीं थे। इसलिए कोर्ट ने इस मामले को 3 जजों की बेंच में भेजने का फैसला किया था।
हाईकोर्ट की बेंच में एक जज ने वैवाहिक बलात्कार अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था। वहीं जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा कि आईपीसी के तहत अपवाद असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है।