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Religious And Spiritual News – घर में पूजा स्थान बनवाते समय रखें इन बातों का ध्यान, ताकि बनी रहे सुख-समृद्धि

जिस स्थान पर बैठकर पूजा की जाए, वह भी भूमि से कुछ ऊंचा होना चाहिए तथा बिना आसन बिछाए पूजा नहीं करनी चाहिए। पूजा घर के लिए सर्वाधिक उपर्युक्त दिशा ईशान कोण होती है। अर्थात पूर्वोत्तर दिशा में पूजाघर बनाना चाहिए। वास्तु सम्मत सिद्धान्तों के विपरीत पूजाघर मुसीबतों का कारण बन सकता है। आगे जानिए मंदिर से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स.

1. पूजा घर की देहरी को कुछ ऊंचा बनाना चाहिए। पूजाघर में प्रातःकाल सूर्य का प्रकाश आने की व्यवस्था बनानी चाहिए।
2. पूजा घर में वायु के प्रवाह को संतुलित बनाने के लिए कोई खिड़की अथवा रोशनदान भी होनी चाहिए। पूजाघर के द्वार पर मांगलिक चिन्ह, (स्वास्तीक, ऊँ,) आदि स्थापित करने चाहिए।
3. काली मां की मूर्ति का मुख दक्षिण में होना शुभ माना गया हैं।
4. हनुमान जी की मूर्ति का मुख दक्षिण पश्चिम में होना शुभ फलदायक हैं।
5. पूजा घर में श्रीयंत्र, गणेश यंत्र या कुबेर यंत्र रखना शुभ हैं।

घर के आस-पास मंदिर हो तो.
1. अगर घर के नजदीक पडऩे वाले मंदिरों के साथ बैर, बबुल के वृक्ष भी हो तो आपके घर में कलह बना रहेगा।
2. मंदिर के पास आधा जला हुआ, आधा सूखा, ठूंठ के जैसा पेड़, तीन शिरों या अनेक शिरों वाला पेड़ होना भी आपके लिए अशुभ होता है।
3. घर के मेन गेट के ठीक सामने अगर कोई मंदिर होता है तो घर के मालिक के लिए ये मंदिर अशुभ फल देने वाला ही रहेगा।
4. जिस भूखंड या मकान पर मंदिर की छाया पड़ती है, वहाँ रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन बिगड़ती जाती है।
5. किसी मकान पर मंदिर के शिखर की छाया पडऩा वास्तु के अनुसार अशुभ ही माना जाता है जिस मकान पर मंदिर के शिखर की छाया पड़ती है वहां रहने वाले लोग कर्ज में डूबते चले जाते हैं।
6. अगर आपके घर के दाहिनी और मंदिर है तो उस मंदिर के प्रभाव से घर में के मालिक की तबियत अक्सर खराब ही रहेगी।
7. मकान के बाई तरफ का मंदिर आपका मकान खाली करवा सकता है।

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