मानव तस्करी कर देह व्यापार के लिए लाई गई 20 से ज्यादा बांग्लादेशी व अन्य युवतियों का पुलिस ने रेस्क्यू तो कर लिया लेकिन देशभर में ऐसी लड़कियों की संख्या एक हजार से ज्यादा बताई जा रही है. इन युवतियों के जरिए नशे के कारोबार का भी लिंक मिल रहा है. यह जानकारी आइबी और विदेश मंत्रालय से साझा की गई है. 2 साल पहले साइबर सेल ने वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस चलाने के मामले में मुख्य बदमाश सागर जैन उर्फ सैंडी उसके भाई कपिल जैन, हेमंत जैन और धर्मेंद्र जैन को आरोपी बनाया था. सैंडी अभी गिरफ्त से बाहर है. एसआईटी प्रमुख एएसपी राजेश रघुवंशी, टीआई तहजीब काजी, विजय सिसौदिया ने अलग-अलग पूछताछ की तो मुंबई व सूरत में एजेंटों का पता चला है. ये लोग बांग्लादेश के एजेंटों के जरिए नौकरी का झांसा देकर लड़कियों को लाते हैं और फिर देह व्यापार व अन्य के नशे का कारोबार भी कराते हैं. सूचना पर मुंबई व आंध्र प्रदेश में पुलिस ने एजेंटों पर केस दर्ज कर धरपकड़ तेज कर दी है.
बताया जा रहा है कि कार्रवाई के बाद मुंबई में बड़ी संख्या में लड़कियों को भूमिगत कर दिया गया है. इस मामले की जानकारी देते हुए डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मुताबिक सूरत से लिंक मिलने पर वहां एक टीम छानबीन कर रही है. सागर जैन ड्रग्स तस्करी से भी जुड़ा है, इसके पकड़े जाने के बाद ही नशे के कारोबार का खुलासा हो सकता है. बता दें कि हाल ही में इंदौर के विजय नगर थाना पुलिस ने अवैध रूप से विदेशी लड़कियों से देह व्यापार कराने वाले गैंग का पर्दाफाश किया था. पुलिस ने इनके कब्जे से 13 लड़कियों, जिसमें कुछ नाबालिग हैं उन्हें मुक्त कराया था. पुलिस ने इस गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिलाएं शामिल हैं.
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