Education News. सेंट नॉबर्ट स्कूल में फीस बढ़ाने के मामले में अभिभावक जब स्कूल पहुंचे और कम करने की मांग की तो इसे लेकर जमकर बहस हुई। इस दौरान गुस्से में प्रिंसिपल माइकल जॉन अभिभावकों पर बिफर पड़े और उन्हें भिखारी तक कह डाला। इसके बाद गुस्साये अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा और जमकर हंगामा हुआ। मामले में प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, कोरोना काल में बच्चों की ऑनलाइन परीक्षा ही हुई है और दूसरा यह कि फीस के मामले में गाइडलाइन होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन द्वारा मनमानी फीस ली जा रही है। इसे लेकर दोपहर को जब अभिभावक स्कूल पहुंचे तो पहले तो प्रबंधन ने किसी भी बात को सुनने से इनकार कर दिया। इस पर वे प्रिंसिपल से मिले तो उन्होंने कहा कि निर्धारित फीस तो भरनी ही होगी। इसे लेकर बहस शुरू हुई और प्रिंसिपल ने अभिभावकों को भिखारी कहकर संबोधित किया और कहा जब भी देखो भीख मांगने आ जाते हो। इस पर काफी हंगामा हुआ और अभिभावकों ने जमकर विरोध किया। काफी देर के बाद स्थिति शांत हुई।
पांच साल का लेखा-जोखा प्रस्तुत करे स्कूल
इंदौर पालक के संघ अध्यक्ष अनुरोध जैन ने कड़ा विरोध जताते हुए मामले में कैथलिक समाज के फादर बिशप चाको से शिकायत कर प्रिंसिपल पर कार्रवाई की मांग की है। इसी के साथ 1861 सोसायटी अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षण संस्थाएं नॉटप्राफिटेबल होती है। उन्होंने स्कूल के पांच साल का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने की मांग की है। इधर, जागृत पालक संघ (मप्र) के अध्यक्ष चंचल गुप्ता ने बयान जारी किया कि मप्र सरकार की लचर शिक्षा नीति व संरक्षण के कारण निजी स्कूल संचालक निरंकुश होकर पालकों व विद्यार्थियों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
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प्रदेश के शिक्षा मंत्री पालकों को “जाओ जाकर मरो’ बोलते हैं और अब सेंट नॉर्बर्ट स्कूल के प्रिंसिपल अभिभावकों को भिखारी कह रहे हैं। उन्होंने इसकी कड़ी निंदा करते हुए प्रिंसिपल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। मामले में प्रिंसिपल माइकल जॉन का कहना है कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं। मैंने भिखारी कहकर किसी को संबोधित नहीं किया।
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